1100 टन पोषण आहार ट्रक से नहीं बाइकों और स्कूटर तथा आटो से बांट दिया
@शब्द दूत ब्यूरो (05 सितंबर 2022)
भोपाल । मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के बाल विकास विभाग में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। इसका पता आडिटर जनरल की रिपोर्ट से लगा है। बता दें कि जिस विभाग में गोलमल पकड़ा गया वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है।
एकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि करोड़ों का पोषण आहार केवल कागजों में बांट दिया गया। मजे की बात यह है कि पोषण आहार जिन वाहनों में ढोया गया वह ट्रक के स्थान पर बाइक स्कूटर और आटो निकले। इस मामले में अब सरकार में हड़कंप मच गया है।
एकाउंटेंट जनरल की गोपनीय रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्याह्न भोजन और बच्चों के लिए मुफ्त भोजन योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई है। यही नहीं आडिट में एकाएक लाभार्थी भी बढ़ गये हैं। अधिकारियों ने 7 करोड़ रुपये फर्जी परिवहन के लिए कंपनियों को दे दिए।
राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत काम करने वाली आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त पोषण आहार वितरित किया जाता है। इस मुफ्त पोषण आहार को ढोकर पहुंचाने की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी जाती है।
यही से मामले का पर्दाफाश हुआ। दरअसल ऑडिट के दौरान पाया गया कि जिन कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी गई थी उन्होंने 1100 टन के पोषण आहर को पहुंचाने के लिए जिन ट्रकों का नंबर दर्ज करवाया है। वह सारे जांच के दिवह सभी फर्जी निकले हैं। परिवहन के लिए जिन ट्रकों के नंबर दिए थे, उनके रजिस्ट्रेशन की जांच जब की गई तो वे नंबर स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार और ऑटो के पाए गए।
एकाउंटेंट जनरल ने इस घपले की जांच के लिए राज्य के मुख्य सचिव को एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने के लिए कहा है। इसके साथ ही अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने व ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार को सुझाव कुछ दिए गए हैं। सरकार को एक आईटी प्रणाली विकसीत करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही बेहतर तरीके से निगरानी करने के सुझाव भी एजी ने दिए हैं।
महिला व बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री के पास है। हालांकि सरकार की ओर से इस घपले को लेकर लिपिकीय त्रुटियों को दोषी ठहरा दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसमें सुधार के उपाय किए जा रहे हैं।
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