माता का दर्जा गाय को किताबों और नेताओं के भाषणों में ही दिया गया है। हकीकत में भी क्या ऐसा मानते हैं?
@शब्द दूत ब्यूरो (30 अगस्त 2022)
मध्य प्रदेश के सतना जिले के ताला थाना क्षेत्र के बिदुरी गांव का एक वीडियो बता रहा है कि गायों को कितना मान दिया जाता है। यहाँ कुछ लोगों ने गायों और बछड़ों को लाठियों और डंडो के बल बीहर नदी के तेज प्रवाह में जबरन कूदने के लिए मजबूर कर दिया ।
ग्रामीण नदी के रपटा में दोनों तरफ लाठियां और डंडे लेकर खड़े हैं और गोवंश को तेज धार में कूदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। बेबस गाय और बछड़े जान बचाने की कोशिश में इधर-उधर भागने की कोशिश कर रहा है मगर ग्रामीण लोग उन्हें भागने का मौका नहीं दे रहे हैं।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो इस पर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने आपत्ति जताई और ऐसे लोगों का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की। जिस पर पुलिस ने भी वीडियो के माध्यम से इस कृत्य को करने वाले लाल भाई पटेल, रामपाल पटेल, निवासी विधुई सुनील पांडे, लल्लू पांडे, रामदयाल पांडे निवासी घुइसा एवं अन्य लोगों द्वारा मवेशियों को क्रूरता पूर्वक मारपीट करने वालों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 212/22 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 कायम कर विवेचना में लिया गया है।
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