विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ छात्रों ने जमकर बदतमीजी की। यही नहीं कुलपति को कुलपति को गुंडा तक कह दिया।
@शब्द दूत ब्यूरो 26 अगस्त 2022)
ग्वालियर। सत्ता के मद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जीवाजी विश्वविद्यालय में जबरन घुसकर कुलपति प्रो अविनाश तिवारी के साथ अभद्रता की। एबीवीपी नेता ने चिल्लाते हुए वाइस चांसलर से कहा कि एबीवीपी को हल्के में मत लो, वरना कुर्सी जाते टाइम नहीं लगेगा। इतना ही नहीं कुलपति को उंगली दिखाते हुए कहा कि तुम बहुत बड़े गुंडे हो क्या?
बताया जा रहा है कि जीवाजी विश्वविद्यालय के विधि संस्थान में एबीवीपी को विभागाध्यक्ष ने बैठक की अनुमति नहीं दी। जिस पर कार्यकर्ता भड़क गए। इसके बाद कल शुक्रवार को विद्यार्थी परिषद के पांच कार्यकर्ता जबरन विश्वविद्यालय में घुस गए और कुलपति के पास जाने की कोशिश करने लगे लेकिन सुरक्षा गार्ड ने उन्हें रोकने की भी कोशिश की। लेकिन वे धक्का मुक्की करने लगे और अंदर चले गए।
कुलपति शुक्रवार को अपने केबिन में दीक्षांत समारोह की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। इसी बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन महामंत्री संदीप वैष्णव के साथ पहुंचे कार्यकर्ताओं ने केबिन में घुसते ही चिल्लाना शुरू कर दिया। इस दौरान वे इस बात पर भी हो हल्ला कर रहे थे कि शनिवार को होने वाले दीक्षांत समारोह में संगठन को आमंत्रण पत्र क्यों नहीं दिया गया।
संगठन महामंत्री संदीप वैष्णव ने कुलपति प्रो अविनाश तिवारी को उंगली दिखाते हुए कहा कि आप बहुत बड़े गुंडे हो क्या? हमें हल्के में मत लो वरना कुर्सी जाते टाइम नहीं लगेगा। आपको ज्ञान नहीं है कि विद्यार्थी परिषद क्या है। हमें प्रदर्शन करना होता है तो सिर्फ पांच लोग के साथ नहीं आते हैं। इस दौरान कुलपति ने उनसे आग्रह करते हुए कहा कि आप नाराज क्यों हो रहे हैं? इसपर एबीवीपी के लोग और चिल्लाने लगे। उन्होंने कहा कि उस गार्ड को तत्काल हटाओ, जो हमें अंदर आने से रोक रहा था। इसपर कुलपति कहते हैं कि हटा दूंगा तो एबीवीपी कार्यकर्ता कहने लगते हैं कि अभी फोन लगाओ और अभी हटाओ उसे।
इस दौरान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. सुशील मंडेरिया समेत अन्य प्रोफेसर और स्टाफ भी मौजूद थे। लेकिन सत्ताधारी दल से जुड़े कार्यकर्ताओं के आगे वे बेबस दिखे। मामले पर कुलपति ने कहा कि- छात्र युवा हैं, कभी-कभी नाराज हो जाते हैं। उन्हें मुख्य द्वार पर रोक लिया गया था। इस कारण वे आक्रोशित हो गए थे। वह भी परिवार का हिस्सा हैं। आक्रोश में कुछ कह गए होंगे।’