नई दिल्ली।केंद्र सरकार ने वन नेशन वन राशनकार्ड स्कीम का पायलेट प्रोजेक्ट चार राज्यों में लांन्च कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास ने औपचारिक उद्घाटन करते हुए कहा कि इस स्कीम के तहत लाभार्थी देश में किसी भी पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) दुकान से राशन खरीद सकेगा। इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो दूसरे राज्यों में नौकरी करते हैं।
चार राज्यों महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात में 1 नेशन 1 राशन कार्ड की शुरुआत कर दी गई है। गुजरात-महाराष्ट और आंध्रप्रदेश-तेलंगाना को आपस में पीडीएस सिस्टम से जोड़ दिया गया है। 1 नेशन 1 कार्ड योजना के तहत फिलहाल दो दो पड़ोसी राज्यों को आपस में जोड़ा गया है। क्योंकि यहां के लोग रोजगार के लिए एक दूसरे राज्यों में पलायन करते रहते है। इस योजना के शुरु होने से गरीब तब्के को अलग-अलग राज्य का राशन कार्ड नहीं बनाना होगा।
उपभोक्ता मामलो के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि पीडीएस सिस्टम का इंटरीगेशन ग्यारह राज्यों में किया जा चुका है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल कोई भी राशन कार्ड धारक इन राज्यों में किसी भी जिले से अनाज ले सकता है।
रामविलास पासवान ने बताया कि जनवरी 2020 तक इन 11 राज्यों को आपस में भी जोड़ दिया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार ने जून 2020 वन नेशन वन कार्ड योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
वन नेशन-वन राशनकार्ड स्कीम का लाभ यह है कि आम लोग अब किसी पीडीएस दुकान से बंधे नहीं रहेंगे। दुकान मालिकों पर निर्भरता घटेगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।इस योजना से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जो नौकरी के बेहतर अवसरों के लिए दूसरे राज्यों में रहते हैं। अगर आप बिहार-उत्तर प्रदेश से अब दिल्ली में नौकरी करने आए हैं तो अब आपको आसानी से पीडीएस दुकान पर राशन मिल जाएगा।मौजूदा समय में आंध्र प्रदेश, हरियाणा समेत कई प्रदेशों में 100 फीसदी दुकानो पर पीओएस मशीनें उपलब्ध हो गई हैं। इस योजना को लागू करने के लिए 100 फीसदी पीडीएस दुकानों पर पीओएस लगानी होगी।
आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा मंत्रालय के आकड़ो के मुताबिक अभी FCI, CWC, SWCs और निजी गोदामों में रखे 6.12 करोड़ टन अनाज को हर साल 81 करोड़ लाभार्थियों को बांटा जा रहा है। उपभोक्ता मामले के मंत्री पासवान ने कहा कि अनाज खरीद से इसके वितरण तक I-T इन्फ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल की तत्काल आवश्यकता है।यह पूरी प्रक्रिया को प्रभावी बनाएगा।