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काशीपुर:2013 में हुई धोखाधड़ी का मामला 2017 में डीजीपी के आदेश पर दर्ज हुआ, आरोपी की गिरफ्तारी में लगे दो साल

काशीपुर ।पुलिस ने छह साल पहले हुये धोखाधड़ी के मामले में एक अभियुक्त को आज गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में खास बात यह है कि धोखाधड़ी के इस मामले की रिपोर्ट 2014 में जब दर्ज कराने का प्रयास किया गया तो पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। तीन साल बाद जब डीजीपी ने आदेश दिया तब रिपोर्ट लिखी गई। और अब रिपोर्ट लिखने के दो साल बाद एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि अभी कुल नौ आरोपी और हैं। 

 

 दरअसल एक इंश्योरेंस कंपनी के सेल्स मैनेजर  तथा नौ एजेंटों के विरूद्ध मरे हुए लोगों को जिंदा दिखाकर बीमा पॉलिसी कराकर बीमा राशि हड़पने के मामले में  नौ अगस्त 2017 को आईसीआईसीसीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के सेल्स मैनेजर विनय रावत ने पुलिस को तहरीर दी थी।  तहरीर के मुताबिक  कुछ लोगों ने बीमा पॉलिसी प्राप्त करने के लिए विभिन्न तारीखों में प्रपोजल फार्म जमा किये।  बाद में योजनाबद्ध ढंग से बीमा धारकों की मृत्यु की सूचना देते हुए नॉमिनी ने बीमा राशि प्राप्त करने के लिए मृत्यु दावा प्रस्तुत कर दिया।  जब इन मामलों की जांच की गई तो पता चला कि एक दर्जन मामलों में ऐसा किया गया था जिनके मृत्यु दावे पेश किये गये थे। ये सभी दावे एजेंटों के माध्यम से किये गये थे। जिस पर पुलिस ने नौ एजेंटों के खिलाफ धारा 467, 468, 471, 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।कंपनी के तत्कालीन सेल्स मैनेजर राजकुमार अरोरा पुत्र जगदीश लाल अरोरा निवासी द्रोण बिहार काशीपुर   ने भी एजेंटों के कोड में फर्जी तरीके से बीमे कराये। और अब वह किसी अन्य कंपनी में कार्यरत था। पुलिस ने आज उसे गिरफ्तार कर लिया।

 

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