काशीपुर। औधोगिक नगरी के रूप में शुमार काशीपुर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड( यूपीसीबी) ने नगर निगम सहित विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान जहरीले होते वातावरण पर चिंता व्यक्त करने के साथ ही वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के सुझाव भी मांगे गए ।
आज नगर निगम के सभागार में आयोजित कार्यशाला में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण इंजीनियर अंकुर कंसल में बताया कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत उत्तराखंड के दो शहरों को चिन्हित किया गया है, इसमें एक काशीपुर तथा दूसरा ऋषिकेश शामिल है इन दोनों शहरों की वर्ष 2015 में वायु की गुणवत्ता में कमी पाई गई थी उन्होंने बताया कि एमवेटेयर मॉनिटरिंग के तहत सप्ताह में दो बार वायु की जांच की जाती है इसकी रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने कहा कि वातावरण प्रदूषित होना वाकई चिंता का विषय है । उन्होंने बताया कि जब आबोहवा प्रदूषित होने के कारण परिवहन विभाग, नगर निगम तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जाना गया तो सामने आया की तेजी से हो रहे नव निर्माण, ठोस अपशिष्ट पदार्थों को जलाना तथा ध्वस्तीकरण है।इसकी रोकथाम को लेकर कार्यशाला के दौरान सुझाव भी मांगे गए। काशीपुर में लगातार हो रहे निर्माण, ध्वस्तीकरण, कूड़े को जलाने और बढ़ते वाहनों ने यहां की आबोहवा को जहरीला कर दिया है इसकी पुष्टि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से हुई है वर्ष 2012 में काशीपुर क्षेत्र में पर्टिकुलर मैटर का स्तर लगातार बढ़ रहा है। कार्यशाला के दौरान मुख्य नगर आयुक्त बंशीधर तिवारी, पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अनुराग नेगी, पार्षद कुलवंत रंधावा, सादिक हुसैन, फिरोज हुसैन, संदीप चौधरी, मनोज बाली समेत विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राएं शामिल रहे।