@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (12 मई, 2022)
संकट में घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो इसी हफ्ते नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की नियुक्ति करेंगे, जो संवैधानिक सुधार पेश करेगा। देश में गंभीर आर्थिक संकट के चलते सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। संकट के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले महिंद राजपक्षे अपने करीबियों पर हमले के मद्देनजर एक नौसेना अड्डे पर सुरक्षा घेरे में हैं।
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में गोटबाया ने यह भी कहा कि नए प्रधानमंत्री और सरकार को नियुक्त करने के बाद संविधान में 19वें संशोधन की सामग्री तैयार करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पेश किया जाएगा जो संसद को और शक्तियां प्रदान करेगा।
गोटबाया ने कहा, ‘‘मैं युवा मंत्रिमंडल नियुक्त करूंगा, जिसमें राजपक्षे परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा.” उन्होंने देश को अराजक स्थिति में पहुंचने से रोकने के लिए राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। गोटबाया ने पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ भी बातचीत की।
बता दें कि श्रीलंका में संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति को बिना मंत्रिमंडल के ही देश को चलाने के लिए अधिकार प्राप्त हैं। देश में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए गोटबाया ने कहा कि नौ मई को जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने कहा, ‘‘हत्याओं, हमले, धौंसपट्टी, संपत्ति को नष्ट करना और उसके बाद के जघन्य कृत्यों को बिल्कुल ही सही नहीं ठहराया जा सकता।”