रोहित वर्मा
सितारगंज।
उत्तराखंड शासन ने एसडीएम सितारगंज मनीष बिष्ट की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। कोर्ट के आदेश पर लोक सेवा आयोग ने बिष्ट की नियुक्ति समाप्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।उधर मनीष बिष्ट ने इस मामले में कोर्ट की शरण में जाने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार मनीष बिष्ट चयन पूर्व सैनिक कोटे के तहत हुआ था। 776 अंक के साथ 2017 उन्हें सफल घोषित किया गया था। जबकि सुधीर के 807 अंक थे और उनका चयन नहीं हुआ था। जिस पर मनीष के चयन को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने मनीष की नियुक्ति के खिलाफ फैसला दिया। जिसके पालन में शासन ने यह कदम उठाया।
प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला मामला है। मनीष ने पूर्व सैनिक के आश्रित को मिलने वाले चार फीसदी आरक्षण कोटे का लाभ लिया था। मनीष ने चंपावत जिले में उपखंड शिक्षाधिकारी के रूप में सेवाएं दी थी।
वर्ष 2015 बैच के पीसीएस अफसर में चयन के समय मनीष ने फिर से पूर्व सैनिक के कोटे से आरक्षण का लाभ लिया था। लोक सेवा आयोग के समक्ष अन्य अभ्यर्थी ने आपत्ति जताई थी कि नियमानुसार नौकरी में आरक्षण के कोटे का लाभ एक ही बार लिया जा सकता है।
उनकी पत्नी निर्मला बिष्ट भी एसडीएम के पद पर खटीमा में तैनात है। एक पीसीएस की बर्खास्तगी के इस मामले से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है।