@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (15 अप्रैल, 2022)
उत्तर प्रदेश में बस्ती के बगही गांव के रहने वाले रामविलास की मृत्यु हो चुकी है। घर वालों से लेकर गांव वाले तक इस बात की पुष्टि करते हैं लेकिन रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों की दिन रात की मेहनत ने रामविलास को जिंदा रखा है। दस्तावेज यही कहते हैं। दरअसल परलोक सिधार चुके रामविलास के प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री केशवराम के नाम हो गई है और ये काम रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों ने किया है।
ये कारनामा रजिस्ट्री विभाग की रजिस्ट्रार मीरा पटेल ने किया है। इस मामले को लेकर रजिस्ट्रार मीरा पटेल पर पूरे डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। एसडीएम सूरज यादव ने अपनी जांच में फ्रॉड की पुष्टि की थी लेकिन रजिस्ट्रार से लेकर रजिस्ट्री कर्मियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। मृतक रामविलास के परिवार वाले न्याय के लिए अधिकारियों की चौखट के चक्कर काट रहे हैं।
रजिस्ट्री विभाग की रजिस्ट्रार मीरा पटेल ने मीडिया से बात करते हुए फर्जी रजिस्ट्री के सवाल पर कहा कि मुझे कुछ भी जानकारी नहीं है। एसडीएम साहब जब मुझे बुलाए थे तब मैं गई थी। दोनो भाई हैं और दोनों की शकल भी मिलती जुलती है। वकील ने कराया है और उन्हें बुलाया गया है। कौन मृतक है कौन जीवित है मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं पता है। बाहर ही रजिस्ट्री करने वाले की फोटो खींची जाती है इसके बाद मेरे पास वेरिफाई के लिए आता है, इसलिए इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है।