–वेद भदोला
समाचार प्लस के उमेश शर्मा ने भांग की खेती को लेकर उत्तराखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। इस मुद्दे पर लगातार, दो दिन वे फेसबुक पर लाइव भी थे। उन्होनें वर्तमान सरकार पर ये भी आरोप लगाया था कि कैसे राज्यपाल के पास लंबित अध्यादेश के बावजूद इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प असोसिएशन (IIHA) को लाइसेंस दे दिया गया। उन्होनें, ये भी सवाल उठाये कि कैसे 5 लाख कैपिटल वाली कंपनी 1000 करोड़ का निवेश करेगी!
अब बात असलियत की। पहला पत्र सचिव उत्तराखंड शासन सीएस नपलच्याल द्वारा 5 दिसंबर 2016 को जारी हुआ है। इसमें स्पष्ट है कि माननीय राज्यपाल ने भांग की खेती का अध्यादेश पारित कर दिया है। ध्यान रहे कि तब प्रदेश में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार सत्ता में थी।
लेकिन, असल प्रभाव से ये अध्यादेश 17 अगस्त 2017 को प्रभाव में आया। आबकारी आयुक्त उत्तराखंड के पत्र से जो उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को संबोधित कर लिखा था। यहां ये भी ध्यान रखा जाये कि तब भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार सत्ता में आ चुकी थी। अब बात IIHA को लाइसेंस जारी करने की तो इस ट्रस्ट को जुलाई 2018 में लाइसेंस जारी किया गया।
भांग उत्पादन की नीति से प्रदेश को क्या नफा-नुकसान होगा ये बहस का विषय हो सकता है। ये भी कहा जा रहा है कि ऐसे तो पूरा प्रदेश ही भांग की लत की चपेट में आ जायेगा। तब तो ये भी तय माना जाना चाहिये कि हलवाई या मिठाई बेचने वाले का पूरा परिवार ही पक्का शुगर का मरीज होगा।