वेद भदोला की खास रिपोर्ट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आखिरकार सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया कि कुछ लोग उनके विरुद्ध साजिश रच रहे हैं। और साजिश रचने वाले अपने उन्हीं के हैं। पिछले दिनों दिये गये मुख्यमंत्री के इस बयान पर तूफान मचा हुआ है। 57 विधायकों वाली प्रचंड बहुमत वाली सरकार के मुखिया के इस दावे से राज्य के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। हालांकि पार्टी के नेता सोच समझ कर बयान दे रहे हैं।
पिछले दिनों यह चर्चा जोर पकड़ रही थी कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को राज्य की कमान सौंपी जा सकती है। तब बलूनी ने इस बात का खंडन किया था कि ऐसी कोई बात नहीं है। इसलिए यह चर्चाएं थम गई थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री के इस बयान से एक बार फिर सियासी हल्कों में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट होने लगी है। आज अचानक मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा भी इस ओर संकेत कर रहा है। पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे बढ़ रहे हैं। प्रकट में इन दौरों का उद्देश्य राजकीय कार्य बताया जा रहा है पर अंदर ही अंदर नेतृत्व परिवर्तन की खिचड़ी पकने की खूशबू आने लगी है।
मुख्यमंत्री रावत ने तो यहाँ तक कह दिया कि वह जानते हैं साजिश कौन कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर सीएम जानते हैं तो ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किये जा रहे हैं।
भाजपा महामंत्री और राजपुर विधायक खजानदास ने कहा, ‘हां सीएम के खिलाफ साजिश की जा रही है। इसमें बाहर के लोग तो है हीं कुछ अपने भी शामिल हैं। इससे सीएम का कुछ भी बिगड़ने वाला नहीं है। हमारे पास 57 विधायकों की ताकतवर फौज है।’ बहरहाल, भाजपा के अंदर भी एक दूसरे से साजिशकर्ताओं के नाम पूछे जा रहे हैं।
क्या रामनगर विधानसभा क्षेत्र नेतृत्व परिवर्तन की धुरी बनेगा? यह सवाल भी चर्चाओं में है। रामनगर विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के एक ताकतवर नेता द्वारा जिस तरह से ताबड़तोड़ योजनायें और सुविधाओं की बरसात की जा रही है उससे लगता है कि नेतृत्व परिवर्तन की दशा में यहाँ से सीट सुरक्षित की जाये। इतना तो तय है कि नया आने वाला संभावित मुखिया विधायकों में से नहीं होगा। इसलिए पहले से पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि संगठन के लोग भली भांति जानते हैं कि नेतृत्व परिवर्तन अवश्यंभावी है। सिर्फ समय लग रहा है। एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि अक्टूबर तक राज्य में बदलाव की संभावना है। वैसे नेतृत्व परिवर्तन की यह साजिश लंबे समय से चल रही है। कुछ माह पूर्व देहरादून में पार्टी के एक प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर के नेता की चाय पार्टी में इसकी भूमिका लिखी जा चुकी है। यह नेता मुख्यमंत्री की होड़ में शामिल बताया जाता है।