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झारखंड रोपवे हादसा: धरती से सैकड़ों फुट ऊपर 46 घंटे चली ‘जिंदगी की जंग’

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (12 अप्रैल, 2022)

देवघर में त्रिकूट के पास रोपवे हादसे  में ट्रालियों में फंसे 40 से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है। भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और जिला प्रशासन ने आपसी सहभागिता से इस पूरे रेस्क्यू को अंजाम तक पहुंचाया है।

हालांकि, बचाव दलों को सभी लोगों को रेस्क्यू करने में 46 घंटे का वक्त लगा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने ट्वीट कर घटना और हादसे में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी।

वहीं झारखंड उच्च न्यायालय ने देवघर रोपवे घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट इस मामले में 26 अप्रैल को सुनवाई करेगी। देवघर के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि यात्रियों को वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया है।

तकनीकी खराबी की वजह से रोपवे की कारें आपस में टकरा गई थीं, जिस वजह से यह हादसा हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि घटना की जांच कराई जाएगी और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि झारखंड के देवघर में त्रिकूट पहाड़ियों पर रविवार को रोपवे की कई ट्रॉलियां आपस में टकरा गई थीं, इस हादसे में तीन लोगों की मौत हुई है। रविवार के इस हादसे में 12 केबिनों में कई दर्जन लोग फंस गए थे। घायलों को इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल भेजा गया है।

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