@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (10 अप्रैल, 2022)
कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप एक बार फिर बढ़ गया है। पिछले कुछ हफ्तों से एशिया और यूरोप के कई देश इस महामारी से जूझ रहे हैं। अचानक नए मामलों के बढ़ने की वजह कोरोना के ओमीक्रोन सबवेरिएंट बीए.2 को माना जा रहा है।
संकट की इस घड़ी में शोधकर्ताओं को कोरोना के एक नए वेरिएंट एक्सई (XE) का पता चला है। जो कि सबसे पहले इंग्लैंड में पाया गया। डब्लूएचओ ने कहा कि यह सबसे ज्यादा तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है।
डब्लूएचओ ने अपने अपडेट में कहा है कि XE वेरिएंट के बारे में ब्रिटेन में 19 जनवरी को पता चला था। अब तक इस वेरिएंट से 600 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस नए वेरिएंट से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है। इसे ओमिक्रोन सब वेरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन बताया जा रहा है।
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि वह XE पर स्टडी कर रही है। यह BA.1 और BA.2 ओमीक्रोन सब वेरिएंट के म्यूटेशन से बना है। शुरुआती स्टडी से संकेत मिला है कि XE वेरिएंट के संक्रमण की रफ्तार BA.2 वेरिएंट के मुकाबले 10 गुना ज्यादा है।
डब्लूएचओ के मुताबिक, अब तक कोविड के तीन हाइब्रिड या रिकॉम्बिनेंट स्ट्रेन का पता चला है, जिसमें से पहला- XD, दूसरा- XF और तीसरा- XE है। इनमें से पहले और दूसरे वेरिएंट डेल्टा और ओमीक्रोन के कॉम्बिनेशन से पैदा हुए हैं, जबकि तीसरा ओमीक्रोन सबवेरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन है।
अगर इसकी गंभीरता की बात करें, तो डब्लूएचओ ने कहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह कितना घातक है लेकिन इसके लक्षणों और संकेतों को जानने से इस संक्रमण से बचने में मदद मिल सकती है। डब्लूएचओ का कहना है कि इस XE वेरिएंट को लेकर अभी और स्टडी की जरुरत है। हम इस वेरिएंट पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।