@शब्द दूत ब्यूरो (02 अप्रैल 2022)
अब नवरात्र में मीट मांस की दुकानें नौ दिनों तक बंद नहीं रहेंगी। पहले गाजियाबाद नगर निगम नवरात्र के पर्व को लेकर नगर निगम क्षेत्र में मांस की दुकानें बंद करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद कई दुकानें भी अधिकारियों ने बंद करा दी थी। लेकिन नगर निगम के इस आदेश का भारी विरोध हुआ। विरोध को देखते हुए नगर निगम महापौर आशा शर्मा ने मांस की दुकानें बंद करने के आदेश को वापस ले लिया है।
आज जारी एक विज्ञप्ति में नगर स्वास्थ्य अधिकारी को भेजे गए दूसरे पत्र में कहा गया है कि गाजियाबाद शहर में मीट-मांस की दुकानों को बंद कराने के आदेश को संशोधित करते हुए अब उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जारी होने वाले दिशानिर्देशों का ही पालन सुनिश्चित किया जाए।
इससे पहले मेयर आशा शर्मा ने एक आदेश जारी किया था जिसमें नवरात्रों के 9 दिन तक कोई भी मीट की दुकान नहीं खोलने की बात कही गई थी। इसके बाद से ही पूरे जिले की सभी मीट की दुकानों को बंद करा दिया गया। निगम के इस आदेश को लेकर वहाँ मांस विक्रेता विरोध करने लगे। उनका कहना था कि आज से पहले कभी नवरात्रों में दुकानें बंद नहीं कराई गईं। फिर भी अगर मीट की दुकानें बंद की जायें तो शराब की दुकानों को भी बंद कराया जाना चाहिए। दुकानदारों ने कहा कि कल से रमजान भी शुरू है. हमारी दुकानों में लाखों के मांस उत्पाद रखे हैं। कुछ घंटे के लिए तो दुकान खोलनी चाहिए।
उधर नगर निगम की मेयर ने कहा कि यह आदेश ऊपर से हैं कि सभी दुकानों को बंद कराया जाए। उन्होंने एक संशोधन लेटर भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि शासन का आदेश है जिस वजह से हम नहीं सारी दुकानें बंद करा रखी हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर के आसपास के इलाकों में सारी दुकानें बंद करा दी गई हैं. शराब और मीट का आपस में तालमेल नहीं है इसलिए शराब की दुकानों से कोई आपत्ति नहीं है। गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने कहा कि मांस और शराब अलग-अलग हैं, उनकी बराबरी नहीं की जा सकती। यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है। ऐसा हर बार होता है कि नवरात्रि के दौरान मंदिर के आसपास कच्चा मांस नहीं बेचा जा सकता है।