नैनीताल। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और सरकार से इस पर जबाब मांगा है।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि सरकार राज्य का कामकाज संभालने में असफल साबित हो रही है। पंचायत चुनावों को मुद्दा बनाते हुए कहा कि राज्य में पंचायतों का कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो गया है। लेकिन राज्य सरकार पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां करने में असफल हो गई है। सरकार ने पंचायत चुनाव कराने के बजाय प्रशासकों की नियुक्ति कर दी जबकि निर्वाचन आयोग की तैयारियां पूरी हैं। सरकार पंचायत में आरक्षण कर पाने में देर कर रही है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि नगर निकाय चुनावों में भी सरकार तयशुदा वक्त पर चुनाव नहीं करा पायी थी। ऐसे में राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति पैदा हो रही है।
हाईकोर्ट ने याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है और इस पर राज्य सरकार से जबाब मांगा है।याचिकाकर्ता ने मांग की है कि धारा 356 के तहत उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की स्थिति पैदा हो गई है।