काशीपुर ।एक दिन का विश्व पर्यावरण दिवस और एक दिन का उत्तराखंड में हरेला। साल में इन दो दिनों में लोगों का पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रेम जाग उठता है और तमाम तरह की पर्यावरण संरक्षण की कसमें खायी जाती है। लेकिन एक बेवफा प्रेमी की तरह साल के बाकि दिनों पर्यावरण को बर्बाद करने की मुहिम जारी रहती है। ये कड़वा सत्य है। पर ऐसे लोगों से इतर कुछ लोग और संस्थायें हैं जो वर्ष भर पर्यावरण संरक्षण को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
आज हम काशीपुर की एक ऐसी ही पर्यावरण संरक्षण को समर्पित संस्था के बारे में बताने जा रहे हैं। जो सीमित संसाधनों के साथ वृक्षारोपण का अभियान छेड़े हुये है। समर्पण फाउंडेशन काशीपुर नामक संस्था पिछले दो वर्षों से समाज के कुछ जागरूक लोगों के साथ शहर व आसपास के इलाकों में पौधे रोप कर इस कार्य में लगी हुई है। संस्था के संस्थापक विमल माहेश्वरी बताते हैं कि अक्सर वृक्षारोपण के बाद फोटो सेशन करवा के रोपे गये पौधों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। जब उन्होंने यह देखा तो उन्हें लगा कि यह प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। विमल बताते हैं कि उन्होंने इसके लिए ही समर्पण फाउंडेशन का गठन किया। जिसका मुख्य कार्य पर्यावरण संबंधी गतिविधियां है। पौधे रोपने के लिए लोगों खासकर युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने जन्म दिन पर पौधे रोपने को उचित समझा। और तमाम युवाओं को इसके लिए उनकी संस्था के माध्यम से प्रेरित करने का बीड़ा उठाया। जिसमें संस्था को सफलता भी मिली। कई युवाओं ने इसे सराहा ही नहीं वरन इस पर अमल भी करना शुरू कर दिया। इस वर्ष 5 जून पर्यावरण दिवस से लेकर उत्तराखंड के पारंपरिक त्यौहार हरेला तक एक वृहद अभियान चलाया। इस अभियान के तहत समर्पण फाउंडेशन संस्था ने काशीपुर के विभिन्न रिहायशी इलाकों में उपलब्ध भूमि पर हजारों पौधे रोपे। पौधे रोपने के बाद उनकी देखभाल भी हो इसके लिए भी प्रबंध किया गया है। पौधे की रक्षा के लिए उसके चारों ओर फेंसिंग भी करवाई गई है। काशीपुर के तमाम लोगों ने समर्पण फाउंडेशन के इस कार्य में रुचि लेते हुए पूरा सहयोग किया।
विमल बताते हैं कि अब उनकी योजना है कि ऐसे लोग जिनके पास खाली जमीन उपलब्ध हैं। वह लोग अपनी जमीन पौधे रोपने के लिए दें तो संस्था वहाँ पौधरोपण को तैयार है। जिसकी व्यवस्था संस्था स्वयं करेगी। वही वह नगर निगम और अन्य सरकारी भूमि पर भी पौधारोपण की योजना बना रहे हैं। भूमि संस्था को मात्र पौधरोपण के उद्देश्य से चाहिए। संस्था सघन वन के क्षेत्र में काम करना चाहती है। चाहे नगर के आसपास छोट छोटे भूमि के टुकड़े हों। जहाँ पर सघन वन की परिकल्पना साकार हो सके। पर इसके लिए उन्हें सरकारी सहयोग की दरकार है।