@शब्द दूत ब्यूरो (29 जनवरी, 2022)
उत्तराखंड में नेताओं के दलबदल का सिलसिला नामांकन के आखिरी दिन यानी 28 जनवरी तक चला। टिकट पाने की बेचैनी में नैनीताल के हेम आर्य ने चुनाव लड़ने के लिए 26 दिन में ही तीसरी बार पार्टी बदल दी। अब वह आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नैनीताल विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में हेम आर्य ने भाजपा के टिकट पर नैनीताल से चुनाव लड़ा था।
हेम आर्य कांग्रेस प्रत्याशी सरिता आर्य से करीब पांच हजार वोटों के अंतर से हार गए थे। 2017 में भाजपा से उनका टिकट कट गया। तब भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए संजीव आर्य को उन पर तरजीह दी। इस पर हेम आर्य निर्दलीय चुनाव लड़े, पर हार गए। चुनाव के बाद हेम कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पांच साल वह कांग्रेस में रहे।
इस बार भी संजीव आर्य ने कांग्रेस में वापसी कर, हेम के टिकट का सपना तोड़ दिया। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संजीव आर्य, भाजपा छोड़कर कांग्रेस में लौट आए। ऐसे में कांग्रेस से टिकट न मिलता देख हेम वापस भाजपा में पहुंच गए। उन्हें टिकट का मजबूत दावेदार भी माना जा रहा था। इसी बीच अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य भाजपा में आ गईं।
भाजपा ने भी हेम की बजाय सरिता आर्य को टिकट दे दिया। इसके बाद से हेम आर्य के सुर बागी हो गए थे। भाजपा में वापसी के महज 26 दिन बाद ही हेम आर्य ने टिकट न मिलने के विरोध में शुक्रवार को फिर पार्टी छोड़ दी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। इसके साथ ही आप ने उन्हें नैनीताल सीट से अपना प्रत्याशी बनाया और हेम ने शुक्रवार को ही नामांकन भी कर दिया।
उधर, नैनीताल से आप के पूर्व घोषित प्रत्याशी डॉ.भुवन आर्य तीन दिन पहले नामांकन दाखिल कर चुके हैं। डॉ. भुवन का कहना है कि पार्टी ने प्रत्याशी बदलने की कोई जानकारी उन्हें नहीं दी है। वो अपना नामांकन वापस नहीं लेंगे और चुनाव लड़ेंगे।