वेद भदोला
नई दिल्ली। वर्ष 2018 के लिए संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न) और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों (अकादमी पुरस्कार) की घोषणा कर दी गई है। लोकसंगीत में उत्तराखंड के प्रतिष्ठित लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को अकादमी द्वारा 2018 संगीत अकादमी पुरुस्कार के लिए चुना गया है। इसके अतिरिक्त अभिनय कला में सम्पूर्ण योगदान के लिए उत्तराखंड के दीवान सिंह बजेली को भी पुरुस्कृत किया जायेगा।
संगीत नाटक अकादमी की आम परिषद, राष्ट्रीय संगीत, नृत्य और ड्रामा अकादमी ने चार जानी-मानी हस्तियों जाकिर हुसैन, सोनल मानसिंह, जतिन गोस्वामी और के.कल्याणसुन्दरम पिल्लै को सर्वसम्मति से संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न) के लिए चुना है।
ध्यान रहे कि अकादमी की फैलोशिप बेहद प्रतिष्ठित मानी जाती है, जो किसी भी समय 40 सदस्यों तक सीमित रहती है।
आम परिषद ने वर्ष 2018 के लिए संगीत, नृत्य, थियेटर, परम्परागत/लोक/जनजातीय संगीत/ नृत्य/ थियेटर, कठपुतली नचाने और अदाकारी के क्षेत्र में सम्पूर्ण योगदान/छात्रवृत्ति के लिए 44 कलाकारों का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों (अकादमी पुरस्कार) के लिए चयन किया है। इन 44 कलाकारों में तीन को संयुक्त पुरस्कार दिया जाना शामिल हैं।
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा एक विशेष समारोह में दिये जाएंगे। संगीत के क्षेत्र में,ग्यारह प्रख्यात कलाकारों, मणि प्रसाद हिंदुस्तानी संगीत, मधुप मुद्गल, हिंदुस्तानी संगीत, तरुण भट्टाचार्य,हिंदुस्तानी वाद्य – संतूर, तेजेन्द्र नारायण मजूमदार, हिंदुस्तानी वाद्य,सरोद, अलामेलू मणि – कर्नाटक संगीत,मल्लादी सूरीबाबू-कर्नाटक संगीत,एस. कासिम और एस. बाबू (संयुक्त पुरस्कार)कर्नाटक वाद्य यंत्र नादस्वरम, गणेश और कुमारेश (संयुक्त पुरस्कार)–कर्नाटक वाद्य-यंत्र-वायलिन, सुरेश वाडकर- संगीत की अन्य प्रमुख परम्पराएं,सुगम संगीत,शांति हीरानंद – संगीत की अन्य प्रमुख परम्पराएं,सुगम संगीत, एच.अशंगबी देवी – संगीत की अन्य प्रमुख परम्पराएं,नट संकीर्तन,मणिपुर का अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए चयन किया गया है।
नृत्य के क्षेत्र में,नौ प्रतिष्ठित कलाकारों को अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है। इनमें भरतनाट्यम के लिए राधा श्रीधर, कथक के लिए इशिरा और मौलिक शाह (संयुक्त पुरस्कार), मणिपुरी के लिए अखम लक्ष्मी देवी, कूचीपुड़ी के लिए पसुमूर्ति रामलिंग शास्त्री, ओडिसी के लिए सुरूप सेन, सत्रिया के लिए टंकेश्वर हजारिका बोरबयान, मोहिनीअट्टम के लिए गोपिका वर्मा, छऊ के लिए तपन कुमार पट्टनायक, समकालीन नृत्य के लिए दीपक मजूमदार शामिल हैं।
रंगमंच के क्षेत्र में,अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए नौ प्रतिष्ठित कलाकारों का चयन किया गया है। इनमें नाट्य लेखन के लिए राजीव नाइक और लल्टुलांग्लियाना खियांगटे, निर्देशन के लिए संजय उपाध्याय और एस.रघुनंदन, अभिनय के लिए सुहास जोशी और टीकम जोशी, मूक अभिनय के लिए स्वप्न नंदी, रंगमंच की अन्य प्रमुख परम्पराओं के लिए भगवत ए.एस. नन्जप्पा,यक्षगान, रंगमंच की अन्य प्रमुख परम्पराओं, कुटियाट्टम के लिए एएम परमेश्वरन कुट्टन चक्कीयार शामिल हैं।
पारंपरिक/लोक/ जनजातीय संगीत/नृत्य/ रंगमंच और कठपुतली नचाने के क्षेत्र में, दस कलाकारों को अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है। इनमें लोक संगीत,उत्तर प्रदेश- मालिनी अवस्थी,लोक संगीत – खरताल,राजस्थान,गाजी खान बरना,लोक गीत, उत्तराखंड- नरेंद्र सिंह नेगी, लोक रंगमंच(भांड पाथेर) जम्मू-कश्मीर- मो. सादिक भगत,हरिकथा, आंध्र प्रदेश- कोटा सचिदानंद शास्त्री, लोक नृत्य, मध्य प्रदेश- अर्जुन सिंह ध्रुवे, लोक संगीत, हिमाचल प्रदेश – सोमनाथ बट्टू, कठपुतली (स्ट्रिंग), कर्नाटक- अनुपमा होसकरे, मुखौटे बनाना,असम-हेम चंद्र गोस्वामी शमिल हैं।
अभिनय कला में सम्पूर्ण योगदान/छात्रवृत्ति के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए दीवान सिंह बजेली और पुरू दधीच का चयन किया गया है।उल्लेखनीय है कि ये अकादमी पुरस्कार 1952 से दिये जा रहा हैं।
अकादमी फैलो को तीन लाख रुपये और अकादमी पुरस्कार के रूप में ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के अलावा एक लाख रुपये दिये जाते हैं।