टिहरी जिले की धनोल्टी सीट पर प्रीतम पंवार को प्रत्याशी बनाने के बाद भाजपा के लिए मुश्किल बढ़ गई है। पूर्व विधायक महावीर रांगड़ ने कहा कि उन्हें इस बार टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन इस बार भी उन्हें वंचित कर दिया है।
@शब्द दूत ब्यूरो (21 जनवरी, 2022)
उत्तराखंड में भाजपा के टिकटों की घोषणा के बाद कई विधानसभा सीटों में बगावत के स्वर गूंजने लगे है। पार्टी की ओर से बागियों को मनाने की पहल भी शुरू हो चुकी है। चूंकि टिकट एक ही प्रत्याशी को मिलनी है, लिहाजा दूसरे का नाराज़ होना लाजिमी है। भाजपा की घोषित 59 सीटों पर कई जगह निर्दलीयों के रूप में पार्टी के कार्यकर्ता ताल ठोक सकते हैं।
भाजपा ने टिहरी जिले में पांच सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। धनोल्टी सीट पर अभी कुछ महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए प्रीतम पंवार को टिकट दिए जाने के बाद पूर्व विधायक महावीर रांगड़ असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
वहीं घनसाली सीट पर सीटिंग विधायक शक्तिलाल शाह का टिकट होने पर भाजपा के दर्शनलाल ने कहा कि कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद ही वह कार्यकर्त्ताओं से राय लेकर अगला कदम उठाएंगे।
भाजपा ने टिहरी में अपने वर्तमान विधायकों पर ही भरोसा जताया है और उन्हें ही टिकट दिया है। सिर्फ टिहरी सीट पर ही अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। धनोल्टी सीट पर वर्तमान विधायक प्रीतम सिंह पंवार को भाजपा ने टिकट दिया है।
प्रीतम सिंह पंवार निर्दलीय विधायक बने थे और पिछले साल सितंबर में भाजपा में शामिल हुए थे। धनोल्टी सीट पर पूर्व विधायक महावीर रांगड़ तैयारी कर रहे थे और उनका टिकट 2017 में भी भाजपा ने काटा था, लेकिन इस बार वह मुखर हो गए हैं। रांगड़ ने बताया कि वह कार्यकर्त्ताओं की भावना के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
घनसाली सीट पर भी भाजपा के दर्शनलाल तैयारी कर रहे थे। लेकिन वर्तमान विधायक शक्तिलाल को टिकट मिलने के बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद वह कार्यकर्त्ताओं के साथ बैठक करेंगे और चुनाव लड़ने का फैसला लेंगे।
धनोल्टी विधानसभा सीट टिहरी जनपद की छह सीटों में से एक है। इस सीट पर वर्ष 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में कौल दास कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे थे। 2007 में भाजपा के प्रत्याशी खजान जीते। वर्ष 2012 में महावीर सिंह रांगड़ भाजपा के प्रत्याशी के रूप में विजय रहे, जबकि 2017 में प्रीतम सिंह पंवार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे।