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उत्तराखंड: भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं हरक, कुछ और ने भी बढ़ाई नेतृत्व के लिए मुश्किलें

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नई विधानसभा सीट की तलाश ने एक बार फिर भाजपा नेतृत्व में खलबली मचा दी है। अब केदारनाथ से पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने भी पार्टी को चेतावनी दे दी है।

@शब्द दूत ब्यूरो (14 जनवरी, 2022)

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नई विधानसभा सीट की तलाश ने एक बार फिर भाजपा में हलचल मचा दी है। पहले लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत ने उनके विरुद्ध मोर्चा खोला और अब केदारनाथ से पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने भी पार्टी को चेतावनी दे दी है।

दरअसल, हरक सिंह रावत इस बार अपनी कोटद्वार विधानसभा सीट के बजाय किसी अन्य सीट से चुनाव लडऩा चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने पार्टी के सामने तीन सीटों के विकल्प रखे हैं। वह लैंसडौन से अपनी पुत्रवधू के लिए भी टिकट मांग रहे हैं।

खबर है कि इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हरक सिंह रावत को बुलाकर बंद कमरे में लंबी बातचीत भी की। लगभग एक घंटा चली बातचीत में रावत ने चुनाव प्रभारी को अपनी इच्छा से अवगत करा दिया। बाद में प्रभारी ने एक अन्य कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से भी बात की।

इन दिनों भाजपा खेमे में भारी हलचल है। भाजपा के लैंसडाउन विधानसभा से विधायक महंत दिलीप रावत पार्टी मुख्यालय पहुंचे और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी व कुलदीप कुमार समेत अन्य पार्टी नेताओं से भेंट की। दरअसल, मीडिया में तेजी से चर्चा चली थी कि दिलीप रावत दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं और वह भाजपा छोड़ सकते हैं।

बाद में दिलीप रावत ने स्पष्ट किया कि वह दिल्ली नहीं, देहरादून में हैं और किसी अन्य दल में नहीं जा रहे हैं। स्वयं के बारे में चल रही चर्चाओं को निराधार साबित करने के लिए वह भाजपा मुख्यालय आए थे। विधायक दिलीप रावत ने कहा कि विरोधी उनके खिलाफ इस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह हिंदूवादी हैं और भाजपा इसका संरक्षण करती है। वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं। अन्य किसी दल के बारे में सोचने का प्रश्न ही नहीं उठता।

इधर, केदारनाथ की पूर्व विधायक शैलारानी रावत के तीखे तेवर भी सामने आ गए। प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंची शैलारानी रावत ने कहा कि वह अपने क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास की सोच से प्रभावित होकर वह भाजपा में शामिल हुईं। साथ ही जोड़ा कि आने वाला समय बताएगा कि अगले 10 दिन में हम क्या निर्णय लेंगे। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के केदारनाथ से चुनाव लडऩे की इच्छा जताने संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हरक सिंह कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं। केदारनाथ में पहले ही योग्य प्रत्याशी हैं। उल्लेखनीय है कि हरक सिंह रावत व शैलारानी रावत मार्च 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले नौ विधायकों में शामिल थे।

उधर, इसके जवाब में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि वह न तो पाकिस्तानी हैं और न चीन से आए हैं। वह देश के नागरिक हैं। इस तरह की संकुचित सोच नहीं होनी चाहिए। उन्होंने केदारनाथ आपदा के दौरान के कार्यों को गिनाया तो लैंसडौन, कोटद्वार व रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्रों में हुए कार्यों का भी ब्योरा दिया।

केदारनाथ की पूर्व विधायक शैला रानी रावत का कहना है कि मैंने 2016 में एक साल पहले ही विधानसभा सदस्यता छोड़ दी थी। सरकार और पार्टी मेरे साथ न्याय करेगी। हमने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र को पाला-पोसा व संवारा है। वहां योग्य प्रत्याशी हैं और महिलाओं को टिकट मिलना चाहिए। मैं बगावत नहीं करूंगी। परिस्थितियां, जनता व कार्यकर्त्‍ता बताएंगे कि आने वाला समय क्या होगा।

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