@शब्द दूत ब्यूरो (13 जनवरी 2022)
भारतीय जनता पार्टी को एक के बाद एक झटका विधानसभा चुनाव से पहले लगा है। हालांकि अन्य दलों से भी भाजपा में 11 विधायक शामिल हुये हैं। कहा जा सकता है कि दलबदल के इस मैच में फिलहाल भाजपा ने अपना स्कोर बराबरी पर रखा है।
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों के बीच विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के दल बदल की अगर बात की जाये तो बीते तीन महीने में सपा, बसपा और कांग्रेस के 11 एमएलसी और विधायकों को भाजपा में शामिल कराया है। वहीं भाजपा के 11 विधायकों और मंत्रियों ने पार्टी छोड़ी है। इनमें से चार विधायक सपा और एक विधायक रालोद में शामिल हो चुके है।
अभी तो बाजी बराबरी पर है लेकिन जल्द ही इस खेल में कौन आगे रहता है या फिर दलबदल के परिणामस्वरूप जीत कौन हासिल करता है यह तो 10 मार्च की शाम तक ही पता चल पायेगा।