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कोरोना के बीच हो रहे चुनाव के लिए जानिए चुनाव आयोग ने क्या-क्या बदलाव किए

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (09 जनवरी, 2022)

कोरोना की तीसरी लहर के बीच चुनाव आयोग के पांच राज्यों के लिए चुनाव की तिथियां फाइनल करने बाद देश में राजनीतिक बुखार के चढ़ने का अंदेशा है। इस बीच चुनाव आयोग ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेष घोषणाएं की हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, “15 जनवरी तक सभी 5 राज्यों में रैली और रोड शो पर प्रतिबंध रहेगा। किसी भी तरह की पदयात्रा, साइकिल या कोई भी वाहन यात्रा नहीं होगी। चुनाव आयोग ने ये तय किया है कि इन चुनावों के दौरान सभी पोलिंग स्टेशन पर कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू होगा, मास्क और सैनेटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे।

एक पोलिंग स्टेशन पर 1500 की जगह 1250 मतदाता ही मत डाल सकेंगे। पोलिंग स्टेशन की संख्या 16% बढ़ायी जाएगी। कुल 690 निर्वाचन क्षेत्रों में से 133 सीटें अनुसूचित जातियों और 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों का दोनों टीकाकरण अनिवार्य होगा। सभी अधिकारियो को एहतियात के तौर पर बूस्टर डोज़ लेना भी अनिवार्य होगा। मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर ज्यादा भीड़ न जुटे, इसलिए पोलिंग की टाइमिंग एक घंटे बढ़ाई जाएगी। इससे पोलिंग बूथ पर भीड़ को कम और नियंत्रित रखा जा सकेगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, उम्मीदवारों को ऑनलाइन नॉमिनेशन की सुविधा दी जाएगी जिससे निर्वाचन कार्यालय में भीड़ कम से कम हो और कोरोना नियमों का ठीक ढंग से पालन सुनिश्चित कराया जाए।

चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी रैली और रोड शो पर एक हफ्ते के लिए प्रतिबंध लगाया है। मुख्य चुनाव आयुक्त 15 जनवरी को फिर हालात की समीक्षा करेंगे। अगर इन पांच राज्यों में कोरोना के मामले और बढ़ते हैं तो चुनाव आयोग की चुनौतियां और बड़ी हो सकती हैं। आगे हालात की समीक्षा के बाद ही चुनाव प्रचार के लिये कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी।

रात आठ बजे से सुबह 10 बजे के बीच कोई सभा नहीं होगी। सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी। चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा।

बंगाल चुनाव में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ने का संज्ञान लेते हुए चंद्रा ने कहा कि सभी राज्यों को यह हलफनामा देना होगा कि वे सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले कानूनी कार्रवाई के जिम्मेदार होंगे।

पांच राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगा, जिसमें 18.34 करोड़ से अधिक वोटर हैं। इन 18.34 करोड़ मतदाताओं में से 8.55 करोड़ महिला वोटर हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा 2,15,368 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि सभी आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को अपने ऊपर मुकदमों की जानकारी तीन बार अखबार में प्रकाशित करानी होगी। राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के केस की जानकारी देना अनिवार्य होगी।

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