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द्वाराहाट विधानसभा सीट: उक्रांद के लिए अपने मजबूत गढ़ को बचाने की चुनौती

उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के संस्थापक सदस्य विपिन त्रिपाठी की जन्मभूमि कर्मभूमि द्वाराहाट विधानसभा राज्य बनने के बाद से दस वर्षों तक उक्रांद के पास रही। पार्टी में गुटबाजी बिखराव से उनका मजबूत किला भी ढह गया। यूकेडी ने एक बार फिर पुष्पेश त्रिपाठी को अपना चुनावी चेहरा बनाया है।

@शब्द दूत ब्यूरो (02 जनवरी, 2022)

उत्तराखंड क्रांति दल को अपने मजबूत गढ़ द्वाराहाट विधानसभा को बचाना किसी चुनौती से कम नही है। उक्रांद के संस्थापक सदस्य व समाजवादी चिंतक स्व. विपिन त्रिपाठी की जन्मभूमि, कर्मभूमि द्वाराहाट विधानसभा राज्य बनने के बाद से दस वर्षों तक उक्रांद के पास रही। पार्टी में गुटबाजी, बिखराव से उनका मजबूत किला भी ढह गया। यूकेडी ने फिर पुष्पेश त्रिपाठी को अपना चुनावी चेहरा बनाया है। देखना दिलचस्प होगा कि वह कैसे यह चुनावी बैतरणी पार करते हैं।

राज्य बनने के बाद से ही द्वारहाट विधानसभा हमेशा से ही हॉट सीट रही। प्रखर समाजवादी नेता डा. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित बिपिन त्रिपाठी ने वर्ष 2002 में चुनाव लड़े। जनसंघर्षों की पृष्ठभूमि से निकले बिपिन त्रिपाठी इस चुनाव में विजयी रहे। उनको 11114 मत पड़े। जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पूरन चंद्र 7112 व बीजेपी के बलवंत सिंह को 6495 मत मिले। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था 30 अगस्त 2004 को उनका निधन हो गया। उक्रांद के लिए यह अपूर्णीय क्षति थी।

इसके बाद स्व. बिपिन त्रिपाठी की विरासत उनके पुत्र पुष्पेश त्रिपाठी ने संभाली। उनकी मौत के बाद हुए उपचुनाव में पुष्पेश त्रिपाठी विजयी रहे। 2007 के विधानसभा चुनाव आने तक पुष्पेश उक्रांद का चेहरा बन चुके थे। पुष्पेश त्रिपाठी आसानी से चुनाव जीत गए। इस चुनाव में उन्हें 11128 मत मिले। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के सदानंद को 8573 व निर्दलीय मदन बिष्ट को 8184 मत थे। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी मदन सिंह बिष्ट ने अपनी मजबूत उपस्थिति भी दर्ज कराई। जिसने 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत की इबारत लिखी।

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव आते-आते उक्रांद कई गुटों में बंट गई थी। जिसका असर चुनावों दिखाई दिया। पार्टी के कई दिग्गज चुनाव हार गए। उक्रांद पी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पुष्पेश त्रिपाठी भी दस सालों से अपने मजबूत गढ़ को नही बचा पाए। चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मदन बिष्ट को 14796 मत व उक्रांद पी के प्रत्याशी पुष्पेश त्रिपाठी को 11472 मत मिले। इन पांच वर्षों में उक्रांद को एकजुट करने का प्रयास किया गया। लेकिन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव तक तो उक्रांद काफी पिछड़ चुकी थी। इसका असर चुनाव परिणामों में दिखाई दिया। जहां उक्रांद प्रत्याशी पुश्पेश त्रिपाठी तीसरे नंबर पर पहुंच गए। चुनाव में बीजेपी के महेश नेगी को 20221, कांग्रेस के मदन बिष्ट को 13628 व उक्रांद के पुष्पेश को केवल 6581 मत मिले।

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