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उत्तराखंड :ये माने जा रहे कांग्रेस के जिताऊ उम्मीदवार,हरीश रावत चुनाव लड़ेंगे पर सीट अभी तय नहीं

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश के लिए राजनीतिक दलों में मंथन शुरू हो गया है। मगर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में दिग्गज नेताओं की उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है।

@शब्द दूत ब्यूरो (31 दिसंबर, 2021)

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस पार्टी में टिकट के दावेदारों के आवेदनों की स्क्रूटनी का काम शुरू हो गया है। इस संबंध में प्रदेशभर में आवेदन प्रक्रिया के बाद साक्षात्कार का काम पूरा हो गया है। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक भी हो चुकी है। इस पूरी प्रकिया के बीच तमाम सीटें ऐसी हैं, जिन पर करीब-करीब पहले से टिकट तय हैं। इन सीटों में मौजूदा विधायकों के साथ कई दिग्गज भी शामिल हैं। ऐसी सीटों की संख्या करीब 32 बताई जा रही है।

कांग्रेस पार्टी में चुनाव में टिकटों के वितरण से पूर्व एक प्रक्रिया अपनाई जाती है। जो इन दिनों अपने अंतिम चरण में है। ऐसे में माना जा रहा है कि जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। इस सूची में वह नाम शामिल हो सकते हैं, जिनके पहले से टिकट तय माने जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो ऐसे नामों की संख्या करीब 32 है। इन नामों में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के अलावा सीटिंग विधायक और कुछ पूर्व विधायकों के नाम शामिल हैं।

इसके अलावा भाजपा से पुन: कांग्रेस में शामिल हुए यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य का नाम भी करीब-गरीब पक्का बताया जा रहा है। हल्द्वानी सीट पर दिग्गज नेता रहीं इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उनके पुत्र सुमित हृदयेश का टिकट भी पक्का माना जा रहा है।

कांग्रेस में जिन सीटों के पहले से टिकट तय माने जा रहे हैं, उनमें गंगोत्री से विजयपाल सजवाण, बदरीनाथ से राजेंद्र भंडारी, थराली से प्रो. जीत राम, केदारनाथ से मनोज रावत, देवप्रयाग से मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रतापनगर से विक्रम सिंह नेगी, टिहरी से किशोर उपाध्याय, चकराता से प्रीतम सिंह, विकासनगर से नवप्रभात, धर्मपुर से दिनेश अग्रवाल, राजपुर से राजकुमार, भगवानपुर से ममता राकेश, पिरान कलियर से फुरकान अहमद, मंगलौर से काजी निजामुद्दीन, यमकेश्वर से शैलेंद्र रावत, पौड़ी से नवल किशोर, श्रीनगर से गणेश गोदियाल, चौबट्टाखाल से राजपाल सिंह बिष्ट, कोटद्वार से सुरेंद्र सिंह नेगी प्रमुख हैं।

इसी प्रकार धारचूला से हरीश धामी, कपकोट से ललित फर्स्वाण, द्वाराहाट से मदन सिंह बिष्ट, रानीखेत से करण माहरा, सल्ट से गंगा पंचोली, सोमेश्वर राजेंद्र बाराकोटी, अल्मोडा से मनोज तिवारी, जागेश्वर से गोविंद सिंह कुंजवाल, चंपावत से हिमेश खर्कवाल, भीमताल से दान सिंह भंडारी, हल्द्वानी से सुमित हृदयेश, जसपुर से आदेश चौहान और खटीमा से भुवन कापड़ी के नाम पक्के बताए जा रहे हैं।

बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए करीब 38 टिकट तय कर दिए हैं। किसी भी सिटिंग विधायक का टिकट नहीं काटा जाएगा। विपरीत परिस्थितियों के चलते जिन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी का साथ दिया है, उन्हें शामिल करते हुए सिटिंग विधायकों सहित कांग्रेस ने लगभग 38 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन कर लिया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने एतराज जताया था।

बकौल प्रीतम, टिकट तय करने की एक प्रक्रिया है, नेता प्रतिपक्ष होने के नाते वह भी उस प्रक्रिया का हिस्सा हैं। ऐसे में किसका टिकट तय है और किसका नहीं, पूरी प्रक्रिया अपनाए जाने से पहले इस बारे में कुछ नहीं कहा जाना चाहिए।

वर्ष 2012 में कांग्रेस के 32 विधायक थे। इनमें से नौ विधायक कांग्रेस छोड़कर चले गए। 21 विधायक पार्टी के साथ मजबूती के साथ खड़े रहे। तब भी पार्टी ने करीब-करीब सभी विधायकों को 2017 में रिपीट किया था, लेकिन जीतकर मात्र 11 ही आए थे। चुनाव अभियान समिति की कमान संभाल रहे पूर्व सीएम हरीश रावत का टिकट भी तय है, लेकिन वह कहां से चुनाव लड़ेंगे, यह अभी तय नहीं है।

हरीश रावत ने कहा, जहां से पार्टी आदेश कर देगी, मैं वहीं से चुनाव लड़ लूंगा। वैसे हरीश रावत इस बार चुनाव में उतरेंगे या नहीं इस पर भी संशय बना हुआ है। पिछले चुनाव में उन्होंने किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण से भाग्य अजमाया था, लेकिन दोनों ही सीटों से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

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