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बेरोज़गारी का आलम: चपरासी के15 पदों के लिए 11,082 आवेदक, ग्रेजुएट कर रहे अप्लाई

नौकरी पाने के लिए ग्वालियर में कोर्ट जाने वाली सभी सड़कें और गलियां उम्मीदवारों से भर गईं। दो दिन इंटरव्यू के लिये 11 बोर्ड बनाए गए। इंटरव्यू देने पहुंचे बेरोजगारों की संख्या इतनी हो गई कि कोर्ट परिसर में बैठाने के बाद भी कई युवा बाहर रह गए।

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (29 दिसंबर, 2021)

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला कोर्ट में माली, चपरासी, वॉचमैन, ड्राइवर और स्वीपर बनने के लिए बेरोजगारों का मेला लग गया। यहां 15 पदों के लिए हजारों बेरोजगार युवा ना सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पड़ोसी उत्तर प्रदेश से भी पहुंच गए। इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता तो 10वीं पास थी, लेकिन लाइन में ग्रैजुएट-पोस्ट-ग्रैजुएट भी लगे थे, जिससे देश और प्रदेश में बेरोजगारी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। दरअसल, ग्वालियर कोर्ट में ड्राइवर पद के लिए पांच, वॉचमैन के लिए पांच, माली के लिए दो, स्वीपर के लिए एक पद और चपरासी के लिए दो पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी।

नौकरी पाने के लिए ग्वालियर में कोर्ट जाने वाली सभी सड़कें और गलियां उम्मीदवारों से भर गईं। दो दिन इंटरव्यू के लिये 11 बोर्ड बनाए गए। इंटरव्यू देने पहुंचे बेरोजगारों की संख्या इतनी हो गई कि कोर्ट परिसर में बैठाने के बाद भी कई युवा बाहर रह गए। उनकी चार लाइनें लगाई गई, जो कुछ ही देर बाद भीड़ में बदल गई। जिन्हें संभालने के लिए कई बार पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी। ₹ 6500-12500 तक की तनख्वाह की नौकरी के लिए यूपी तक से उम्मीदवार आए।

कागजों में सीएमआई के आंकड़े देखें तो मध्यप्रदेश में नवंबर में बेरोजगारी दर सिर्फ 1.7 फीसद ही है, जो दूसरे राज्यों से बेहद कम है, लेकिन एक और आंकड़ा एनसीआरबी का है जो बताता है कि पिछले साल मध्यप्रदेश में सिर्फ बेरोजगारी की वजह से 95 लोगों ने खुदकुशी कर ली थी। मध्यप्रदेश के रोजगार पंजीयन के दफ्तरों में बेरोजगारों की कुल संख्या 32,57,136 है। सिर्फ इतने बेरोज़गारों को नौकरी देने में करीब 20 साल लग जाएंगे।

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