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विशेष रिपोर्ट :बीना-कोटा रेल लाइन दोहरीकरण के तहत बीना-गुना खंड के दोहरीकरण कार्य में तेजी आई

महाप्रबन्धक के कुशल निर्देशन एवं डीआरएम द्वारा की जा रही सतत मॉनीटरिंग के फलस्वरूप कार्यों में आई तेजी

विशेष रिपोर्ट – गिरीश चन्द्र शर्मा

भोपाल। बीना-कोटा दोहरीकरण परियोजना के तहत सर्व प्रथम दिसंबर 2019 में अशोकनगर-पीली घटा खंड के 25 किलोमीटर में दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया। कार्य की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी थी और खंड को सीधे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से रेल संरक्षा आयुक्त स्वीकृति दी गई। इसके बाद कोविड-19 आपदा काल मे भी सभी सावधानियों के साथ अशोकनगर-गुना खण्ड का कार्य तीव्र गति से चलता रहा। दिसंबर 2020 में गुना-पीली घटा खंड के दोहरीकरण का कार्य समाप्त करते हुए इस खंड को भी परिचालन के लिए खोल दिया गया और कोविड-19 की दूसरी लहर के आने के दौरान भी सभी सावधानियों के साथ  अशोकनगर-गुना खंड में कार्य को चालू रखा गया।

निरंतर किये गए कार्यों के फलस्वरूप मार्च 2021 में बीना-कंजिया 20 किलोमीटर का कार्य लगभग पूरा कर इंजन ट्रायल 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से किया गया था और फिर अशोकनगर-ओर (15 किलोमीटर) खंड में भी 25 मार्च को कार्य पूरा करते हुए इंजन ट्रायल 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से करवा करके खंड को परिचालन के लिए खुलने के क्रम में अंतिम चरण की तैयारी शुरू कर दी गई थी।     

माह जून 2021 में अशोकनगर- ओर खंड का नॉन इंटरलॉकिंग के कार्य को जुलाई में पूरा करते हुए रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से इस खंड को दोहरीकरण के लिए खोलने का आदेश दिया गया और कार्य की गुणवत्ता से बहुत ही प्रभावित हुए थे और बहुत ही तारीफ की थी।

अब बीना-कंजिया खंड जो कि 20 किलोमीटर का है, इस खंड का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। दिनांक 11.12.2021 से प्री नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य सेमरखेड़ी स्टेशन पर शुरू हो गया है। इस प्री- इंटरलॉकिंग के कार्य में 5 घंटे का मेगा ब्लॉक दिया गया था, जिसमें सात-आठ टीमों के द्वारा जगह-जगह में मेन लाइन में सभी तरह के कार्यों को पूरी प्लानिंग के साथ उचित समन्वय स्थापित करते हुए आरवीएनएल रेल विकास निगम के द्वारा रेलवे के सहयोग से एक साथ कार्य शुरू किया गया और अब प्रति दिन इसी तरह से अगले 10 दिनों तक लगातार कार्य करते हुए बीना-कंजिया खंड के सभी स्टेशनों बीना, महादेव खेड़ी, सेमरखेड़ी और कंजिया में कार्य पूरा करते हुए 23/24 दिसंबर को इस खंड का दोहरीकरण करके रेल परिचालन के लिए खुलने की संभावना है और उसके बाद इस खंड में भी दोनों लाइनों पर रेलगाड़ी का परिचालन शुरू हो जाएगा। अशोकनगर- पीली घटा 25.7 किलोमीटर दिसंबर 2019, पीली घटा -गुना 19.5 किलोमीटर दिसंबर 2020, अशोकनगर-ओर 13 किलोमीटर जुलाई 2021, बीना-कंजिया 20 किलोमीटर दिसंबर 2021, इस प्रकार बीना-गुना 120 किलोमीटर के खंड में से 78 किलोमीटर के दोहरीकरण का कार्य दिसंबर 2019 से दिसंबर 2021 के बीच मात्र 2 वर्ष के अंदर पूरा हो जाएगा और संभावना है कि बचे हुए ओर- कंजिया  (42 किलोमीटर)  खंड का कार्य भी लगभग समाप्त हो चुका है और वहां पर भी इंजन ट्रायल करने की तैयारी चल रही है और अगले माह तक वहां भी इंजन ट्रायल पूरा होने की संभावना है।

यह कार्य रेल विकास निगम आरवीएनएल की नई टीम के द्वारा जब से धर्मेंद्र कुमार पांडे ने मुख्य परियोजना प्रबंधक का कार्यभार संभाला है उसके बाद से पिछले 2 वर्ष में लगातार दिन-रात काम करवाने से संभव हो पाया है। पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबन्धक सुधीर कुमार गुप्ता के कुशल निर्देशन में डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय द्वारा की जा रही सतत मॉनिटरिंग के परिणामस्वरूप तीव्र गति से इस कार्य में तेजी आ गई है। पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबन्धक  द्वारा लगातार मॉनीटरिंग के फलस्वरूप इस परियोजना में भोपाल मंडल के हिस्से को जल्दी पूरा कराने में सफलता मिली है।

बीना-कंजिया रेलखंड (19. 871 किलोमीटर) पर बीना, महादेवखेड़ी, सेमरखेड़ी, कंजिया आते हैं। इस खंड पर कुल 16  ब्रिज आते हैं। जिसमें माइनर ब्रिज 12 , मेजर ब्रिज 01 आरयूबी 03 हैं।

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