अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथोनी फोसी ने इस बात पर जोर दिया है कि पूरी तरह से वैक्सीनेटेड वयस्कों को सर्वश्रेष्ठ संभव संरक्षण देने के लिए बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए।
@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (03 दिसंबर, 2021)
नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कोरोनावायरस में जीनोमिक विविधताओं की निगरानी रखने वाले 28 लैब्स के कंसोर्टियम ने केंद्र सरकार से 40 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज पर विचार की सिफारिश की है। गौरतलब है कि कोरोना का नया वेरिएंट इस समय दुनिया के लिए चिंता का कारण बन रहा है।
भारत में अब तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो केस रिपोर्ट हुए हैं। इन्साकॉग (INSACOG) ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा है, ‘सभी अनवैक्सीनेटेड लोगों को वैक्सीन और 40 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगाने पर विचार किया जा सकता है। सबसे पहले अधिक जोखिम और हाई एक्सपोजर वाले लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’
इन्साकॉग ने कहा है कि आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सक्षम करने के लिए इस तरह के वेरिएंट की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जीनोमिक निगरारी महत्वपूर्ण होगी। कंसोर्टियम ने अपनी बुलेटिन में जाने-पहचाने क्षेत्रों की और वहां से यात्राओं की निगरानी की सलाह दी है। साथ ही कहा कि कोरोना वायरस के मामले की कांट्रेक्ट ट्रेसिंग होनी चाहिए ताकि प्रभावित इलाकों में इसके संक्रमण का पता लगाया जा सके।
गौरतलब है कि अमेरिका और ब्रिटेन पहले ही 40+ आयु वर्ग के लिए बूस्टर डोज की मंजूरी दे चुके हैं। अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथोनी फोसी ने इस बात पर जोर दिया है कि पूरी तरह से वैक्सीनेटेड वयस्कों को सर्वश्रेष्ठ संभव संरक्षण देने के लिए बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए।