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कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के डर के बीच साउथ अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने दी नई चेतावनी

जिन मरीजों में ये वेरिएंट मिला है, उनमें बीमारी गंभीर रूप में नजर नहीं आई है। लेकिन अब कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह मान लेना जल्दबाजी होगी कि इस वेरिएंट का असर हल्का ही होगा।

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (02 दिसंबर, 2021)

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का डर दुनियाभर में फैला हुआ है। सबसे ज्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि इस वेरिएंट का असर कितना होगा। भारत ने कोरोना के खतरनाक वेरिएंट डेल्टा को झेला है। इस साल के शुरुआती महीनों में देश में इस वेरिएंट ने भयानक तरीके से जानें ली थीं, ऐसे में ओमिक्रॉन को लेकर सरकार अलर्ट है।

सबसे पहले साउथ अफ्रीका में पता चलने वाले इस वेरिएंट को लेकर अब तक ये जानकारी आ रही थी कि जिन मरीजों में ये वेरिएंट मिला है, उनमें बीमारी गंभीर रूप में नजर नहीं आई है। मरीजों पर वायरस का हल्का असर ही दिखा है। लेकिन अब कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह मान लेना जल्दबाजी होगी कि इस वेरिएंट का असर हल्का ही होगा। साउथ अफ्रीका के ही कुछ शीर्ष के वैज्ञानिकों ने ये बात कही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ वैज्ञानिकों ने इस वेरिएंट को लेकर वहां के सांसदों के सामने एक प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें कहा गया कि कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन का असली प्रभाव अभी तय करना मुश्किल है क्योंकि अभी तक इससे युवा ही प्रभावित हुए हैं, जो इस पैथोजन से लड़ने में ज्यादा सक्षम हैं, और इस वायरस से संक्रमित होने के कुछ वक्त बाद बीमार होते हैं।

इस प्रेजेंटेशन में शामिल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिज़ीज के पब्लिक हेल्थ सर्विलांस एंड रिस्पॉन्स की प्रमुख मिशेल ग्रूम ने कहा कि जो संक्रमण दर्ज हुए हैं, वो युवा लोगों में सामने आए हैं, लेकिन अब यह ज्यादा बड़ी उम्र वाले आयुवर्ग की ओर भी शिफ्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘हमारा अनुमान है कि अभी कुछ हफ्तों तक इस वेरिएंट के गंभीर लक्षण सामने नहीं आएंगे।’

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