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आई हास्पिटल की लापरवाही:मोतियाबिंद के आपरेशन बिगड़ने के बाद 15 मरीजों की आंखे निकालनी पड़ी, अभी और बढ़ सकती है संख्या, एफआईआर के निर्देश

ऑपरेशन कर रहे डॉक्टरों के अनुसार संख्या बढ़ सकती है। दूसरी ओर, 22 नवंबर को ऑपरेशन कराने वाले सभी लोगों में संक्रमण की आशंका के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ रखा है। लगभग पचास पीड़ितों के बारे में न तो विभाग के पास पर्याप्त जानकारी है और न ही उनकी कोई खोज-खबर ली जा रही है।

@शब्द दूत ब्यूरो (02 दिसंबर 2021)

मुजफ्फरपुर। मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद यहाँ कई लोगों को अपनी आंखें निकलवानी पड़ी। छह मरीजों की आंखे पहले ही निकाली जा चुकी हैं। जबकि बीते रोज नौ और ऐसे मरीज आये जिनके गंभीर होने पर आंखे निकालनी पड़ी। इससे आंख गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।

ऑपरेशन कर रहे डॉक्टरों के अनुसार संख्या बढ़ सकती है। दूसरी ओर, 22 नवंबर को ऑपरेशन कराने वाले सभी लोगों में संक्रमण की आशंका के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ रखा है। लगभग पचास पीड़ितों के बारे में न तो विभाग के पास पर्याप्त जानकारी है और न ही उनकी कोई खोज-खबर ली

घटना सामने आने के तीन दिन बाद  सीएस जागे और आई हास्पिटल को पत्र भेजकर पीड़ितों का ब्यौरा व अस्पताल से जुड़े दस्तावेज मांगे। वह भी तब जब मुख्यालय ने उनसे पूरी जानकारी तलब की। इस बीच, डीएम ने पीड़ितों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से मुआवजा देने की बात कही है।

बतातें चलें कि इससे पहले, मंगलवार को दो पीड़ितों की आंख निकाली गई थी, जबकि ऑपरेशन के दूसरे दिन 22 नवंबर को आई अस्पताल ने मामला दबाने के लिए आनन-फानन में चार मरीजों की आंख निकाली थी। बुधवार को मुजफ्फरपुर के साथ ही पटना में यह मामला गरमाया रहा।

स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह सहित कई अन्य आला अधिकारियों के फोन आने के बाद सीएस डॉ. विनय कुमार शर्मा टीम के साथ अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल के सहायक प्रशासक दीपक कुमार से लंबी पूछताछ की। सीएस ने अस्पताल में तैनात डॉक्टर से लेकर पारा स्टाफ तक की पूरी जानकारी मांगी है। उनकी शैक्षणिक योग्यता से लेकर वेतन या मानदेय तक के कागजात दो दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा। बाद में पूरे मामले की जांच कर रहे एसीएमओ की टीम भी पहुंची।

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने मुजफ्लरपुर जिला प्रशासन और सिविल सर्जन को इस मामले में संबंधित अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। विभाग के निर्देश पर आई अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया गया है और ऑपरेशन में प्रयोग किए जाने वाले सभी उपकरणों और ऑपरेशन थियेटर से सैंपल लेकर इंफेक्शन की जांच के लिए माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में भेजा गया है।

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