उत्तराखंड में ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जो अपने राजनीतिक उत्तराधिकारियों को आगामी विधानसभा में विधायक के रूप में देखना चाहती है।
@शब्द दूत ब्यूरो (12 नवंबर, 2021)
उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनाव में जहां एक ओर कुछ नेता इस बार खुले तौर पर अपनी विरासत अगली पीढ़ी को सौंपने को जोर लगा रहे हैं वहीं, कुछ और भी हैं जो खामोशी से अपने परिजनों के लिए सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं।
कांग्रेस के शीर्ष नेता हरीश रावत से लेकर रणजीत रावत और हरक सिंह रावत से लेकर हरबंस कपूर तक तक की एक लंबी फेहरिस्त है जो अपने राजनीतिक उत्तराधिकारियों को आगामी विधानसभा में विधायक के रूप में देखना चाहती है।
कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल की बेटी दीपिका चुफाल, नेता विपक्ष प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक सिंह व कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत के बेटे विक्रम रावत प्रमुख रूप से शामिल हैं।
संभावित पारिवारिक उम्मीदवारों की बात करें तो अनुकृति रावत गुसाईं जो कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू लैंसडाउन से दावेदार है। हरक सिंह पूर्व में यहां से विधायक रह चुके हैं। प्रसंगवश बता दें कि राजनीति के माहिर खिलाड़ी रहे हरक सिंह रावत 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा भी जता चुके हैं।
पूर्व स्पीकर हरबंस कपूर के बेटे इस बार अपने पिता की सीट देहरादून कैंट के दावेदार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत इस बार लक्सर से तैयारी कर रही हैं। पूर्व मंत्री दिनेश धनै अपने बेटे कनक धनै को ऋषिकेश से सियासी मैदान में उतारने जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत इस बार कालाढुंगी से अपनी जगह बेटे को टिकट दिलाने को प्रयासरत हैं। वहीं स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के निधन से खाली सीट पर उनके बेटे सुमित दावेदार हैं। काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा इस बार अपने बेटे के लिए दांव लगा रहे हैं।