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उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत में हरीश रावत के मौन का जलवा

अपने मौन उपवास की पॉलिटिक्स पर हरीश रावत ने बड़ा मजेदार कमेंट दिया है।उन्होंने कहा कि जिसकी चुप्पी बोलने से ज्यादा काम करें उसे बोलने की जरुरत ही नहीं है। इसलिए मौन उपवास भी लोकतंत्र में प्रभावशाली होता है।

@शब्द दूत ब्यूरो (11 नवंबर, 2021)

विधानसभा चुनाव नजदीक है और माना जा रहा है कि उत्तराखंड में इस बार का चुनाव कुछ अलग तरह के रंगों से रंगा होगा। बीजेपी के सामने ‘एक बार कांग्रेस, एक बार बीजेपी’ का मिथक तोड़ने की चुनौती है।

उधर, कांग्रेस के सामने वजूद बचाने और सत्ता में आने की कड़ी चुनौती है, तो आम आदमी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कश्मकश से गुजर रही है। लेकिन सबसे खास हरीश रावत की मौन उपवास की रणनीति है जो बोलने से ज्यादा शोर कर रही है। हरीश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष होने के साथ ही अघोषित रूप से पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा भी है।

आजकल उत्तराखंड में हरीश रावत के मौन का सर्वाधिक शोर सुनने को मिलता है। हरीश रावत की यह बिलकुल अलग तरह की पॉलिटिक्स है। वैसे भी हरीश रावत का लोकसभा और विधानसभा के कई चुनाव हारने के बावजूद उत्तराखंड की राजनीति में प्रासंगिक बने रहने का सिलसिला चालीस बरस से भी ज्यादा समय से अनवरत चल रहा है।

पिछले एक साल में हरीश रावत ने उत्तराखंड की बीजेपी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ कितनी बार मौन उपवास किया इसकी गिनती तो अब उनके सिपहसालारों को भी याद नहीं होगी। लेकिन हरीश रावत की ये ‘साइलेन्स पॉलिटिक्स’ सियासी गलियारों में हंगामा बरपा रही है।

अपने मौन उपवास की पॉलिटिक्स पर हरीश रावत ने बड़ा मजेदार कमेंट दिया है।उन्होंने कहा कि जिसकी चुप्पी बोलने से ज्यादा काम करें उसे बोलने की जरुरत ही नहीं है। इसलिए मौन उपवास भी लोकतंत्र में प्रभावशाली होता है। महात्मा गांधी कई बार इसका प्रयोग करते थे, उस मौन से अंग्रेज भाग गए मुझे तो मात्र उत्तराखंड से बीजेपी को भगाना है, इतना ही काफी है।
आज भी ऐसा ही हुआ।

हरीश रावत ने कहा कि हल्द्वानी में कांग्रेस की रैली होनी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। अनुमति नहीं देने की वजह हल्द्वानी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कार्यक्रम बताया गया। इसी बात को लेकर हरीश रावत कार्यक्रम स्थल पर मौन उपवास पर बैठ गए और बाद में उन्होंने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री कांग्रेस की रैली से डर गए हैं, राज्य की बीजेपी सरकार भयभीत है, हमें अब पता चल गया है इसलिए अब इस सरकार को हम और ज्यादा डराएंगे।

कुल मिलकर हरीश रावत की मौन उपवास की रणनीति प्रदेश की राजनीति को किस दिशा में ले जाएगी यह तो समय ही बताएगा लेकिन यह बिलकुल ऐसी सियासत शुरू हुई है जो हरदा को बाकी से अलग कर रही है।

उधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पब्लिक कांग्रेस का इलाज करेगी और चुनाव हारने के बाद हरीश रावत ही नहीं पूरी कांग्रेस मौन उपवास पर चली जाएगी।

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