पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में रिक्त हुए पद पर किसी दूसरे दलित चेहरे को मौका दिया जा सकता है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पार्टी के कुछ दलित विधायकों ने तो दावेदारी भी पेश कर दी है।
@शब्द दूत ब्यूरो (15 अक्टूबर, 2021)
धामी कैबिनेट छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए मंत्री यशपाल आर्य की जगह किसी दलित विधायक को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री धामी अगर यह सीट भरते हैं तो पूर्व कैबिनेट मंत्री खजान दास के साथ विधायक चंदनराम दास और सुरेश राठौर की दावेदारी सबसे प्रबल बताई जा रही है।
फिलहाल यशपाल आर्य के सभी विभाग, मुख्यमंत्री ने अपने पास रख लिए हैं। फिर भी चर्चा यही है कि आर्य की काट में किसी दलित चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए अब लगभग ढाई माह शेष हैं। राज्य में जनवरी, 2022 में चुनाव आचार संहिता लागू होने की पूरी उम्मीद है।
ऐसे में सरकार यह खाली सीट भरेगी या नहीं, इसे लेकर अभी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता मंत्रिमंडल में रिक्त पद को भरने के पक्ष में हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा आरक्षित कोटे से मंत्री बनाने के पक्ष में है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में दलित वर्ग को इसे भुनाया जा सके। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री धामी इस पद को भरने से पहले हाईकमान से चर्चा करेंगे।
इधर, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के समर्थकों में भी उत्साह है। वे रिक्त मंत्री पद पर काऊ की दावेदारी पुख्ता मानकर चल रहे हैं। दरअसल, यशपाल के साथ काऊ के भी कांग्रेस में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, पर जब आर्य कांग्रेस में शामिल हुए, उस वक्त काऊ भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के साथ नजर आए।
माना जा रहा है कि हाईकमान से उन्हें कोई बड़ा भरोसा दिया है। इस बीच, काऊ समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि यशपाल को कांग्रेस छोड़ने के एवज में मंत्री पद दिया गया था। ऐसे में इस रिक्त पद पर काऊ की दावेदारी बनती है।