@शब्द दूत ब्यूरो (14 अक्टूबर, 2021)
उत्तराखंड में सियासी उठापठक के बीच रायपुर क्षेत्र से भाजपा के विधायक उमेश शर्मा काऊ के बयान से पार्टी में फिर हलचल मची है। अपने दिल्ली दौरे पर स्थिति साफ करते हुए काऊ ने कहा कि पार्टी हाईकमान जानता है कि वह कहां और क्यों गए थे। उन्होंने कहा कि उनके पुराने साथी पार्टी छोड़कर जा रहे थे, उनका प्रयास था कि वह इनकी राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करा दें।
विधायक काऊ ने यह भी कहा कि जुलाई में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद जब पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने तो तीन वरिष्ठ साथी हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज और यशपाल आर्य नाराज थे और मंत्री पद की शपथ नहीं लेना चाहते थे। तब उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के कहने पर मध्यस्थ की भूमिका निभाई और राष्ट्रीय नेतृत्व से तीनों की बात कराई।
भाजपा में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के पार्टी छोड़ने से भाजपा को पहले ही एक बड़ा झटका लगा है। हाल ही में दोनों कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। बता दें कि यशपाल आर्य कांग्रेस पृष्ठभूमि के रहे हैं। वे जनवरी 2017 में बेटे संजीव आर्य के साथ भाजपा में शामिल हुए थे।
हालांकि, अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनकी घर वापसी हुई है। ऐसे में भाजपा के लिए चिंता बढ़ना भी लाजिमी है। पार्टी को साल 2016 में कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों की नाराजगी दूर करना और उन्हें पार्टी से जोड़े रखना भी बेहद जरूरी है।