@शब्द दूत ब्यूरो (08 अक्टूबर, 2021)
देवस्थानम बोर्ड को लेकर लगातार पंडा समाज का विरोध झेल रही सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया जाएगा। बोर्ड के एक्ट में लिखी गई अगर किसी धारा से पंडा समाज को आपत्ति है, तो उसका निस्तारण किया जाएगा। आपत्तियां दर्ज करने के लिए सरकार की ओर से बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष मनोहरकांत ध्यानी ने यह जानकारी दी है।
मनोहरकांत ध्यानी ने साफ कहा कि देवस्थानम बोर्ड के एक्ट को किसी ने भी सही तरीके से नहीं पढ़ा है। इसलिए कुछ राजनीतिज्ञों के इशारे पर पंडा समाज विरोध कर रहा है। एक्ट में किसी भी हकहकूक धारी का हक छीनने का जिक्र नहीं है देवस्थानम बोर्ड यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विरोध करने वाली समितियों को आपत्तियां दर्ज करने के लिए बुलाया है। जल्द ही वह आपत्तियां लेकर उनका निस्तारण करेंगे और अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे।
ध्यानीं ने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आप कोई घर बनाते हैं और उसमें कुछ कमियां होती हैं, तो उसे सुधारने की कोशिश की जाती है न कि घर को तोड़कर जमींदोज कर दिया जाता है। उसी तरह देवस्थानम बोर्ड के एक्ट की किसी धारा में यदि पंडा समाज को आपत्ति है, तो वह अपनी आपत्ति दर्ज करा कर उसका निस्तारण सरकार से कराएं। यह तो समझने वाली बात है। मगर बोर्ड को ही भंग करने की मांग जायज नहीं है।