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विशेषज्ञों ने कहा-दिल्ली विधानसभा के ”रहस्यमय सुरंग ” की उचित जांच होनी चाहिए

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (06 सितंबर, 2021)

पुरातत्व विभाग सहित इतिहासकारों और हेरिटेज विशेषज्ञों ने दिल्ली विधानसभा की विशाल इमारत के नीचे स्थित सुरंग की वैज्ञानिक जांच करने की जरूरत पर जोर डाला है। यह सुरंग इन दिनों लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

साल 2016 के आसपास पहली बार रिपोर्ट की गई इस ‘मिस्ट्री टनल’ ने कई अटकलों को जन्म दे दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक पुरातात्विक दृष्टिकोण से संरचना की पूरी तरह से जांच नहीं की जाती है या कोई दस्तावेजी सबूत नहीं मिलता है, तब तक कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि विधानसभा अगले साल ब्रिटिश काल की सुरंग व फांसी घर आम लोगों के लिये खोल देगी। गोयल ने कहा कि सुरंग को दिल्ली विधानसभा की भूमि के नीचे ‘काफी समय पहले’ खोजा गया था। उन्होंने कहा कि सुरंग और फांसी घर दोनों ब्रिटिश काल की वास्तुकला के अनुसार बने हैं। गोयल ने कहा, ”हम अगले साल 26 जनवरी तक या अधिकतम 15 अगस्त तक ब्रिटिश-युग के क्रांतिकारियों के फांसी घर और सुरंग को आम लोगों के लिये खोल देंगे।”

गोयल ने कहा, ”जब दिल्ली विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा होगा तब लोगों को इन दोनों जगहों पर जाने की अनुमति होगी।” उन्होंने कहा कि सुरंग का ऐतिहासिक महत्व अभी तक स्थापित नहीं हुआ है, लेकिन यह अनुमान लगाया जाता है कि सुरंग विधान सभा को लाल किले से जोड़ती है।

गोयल ने कहा, ”हम सुरंग का नवीनीकरण करने या इसे और खोदने नहीं जा रहे हैं क्योंकि ऐसा संभव नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि मेट्रो रेल जैसी कई निर्माण गतिविधियों ने इसका रास्ता अवरुद्ध कर दिया होगा। हम इसे ऐसा ही रखेंगे।”

उन्होंने कहा कि फांसी घर के नवीनीकरण की परियोजना पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। गोयल ने कहा, ”निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और पीडब्ल्यूडी जल्द ही अपना काम शुरू कर देगी। जिस डिजाइन पर फांसी घर का नवीनीकरण किया जाएगा, वह भी तैयार हो चुका है।”

विधानसभा भवन साल 1911 में तैयार हुआ था। वर्ष 1912 में जब देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित किया गया तो इस भवन को केन्द्रीय विधानसभा के रूप में इस्तेमाल किया गया। दिल्ली विधानसभा और लालकिले के बीच 5-6 किलोमीटर की दूरी है। लालकिले का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहां ने किया था।

   

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