झील में गिरने वाले नालों में हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाए जायेंगे
आवारा कुत्तों के बधियाकरण को कार्ययोजना बनेगी
नैनीताल । नैनी झील की सेहत को लेकर कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन ही नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल एक्शन में दिखे। एकतरफ उन्होंने नैनी झील की सफाई व्यवस्था के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बैठक ली। तो दूसरी तरफ उन्होनें बताया कि झील के पानी के स्तर की आटो मोनीटरिंग तथा कन्ट्रोल हेतु आटोमेटेड स्काडा डैवलप किया जाएगा जिसके बजट के लिए शासन से वार्ता कर ली गई है। जिलाधिकारी के अनुसार झील में गिरने वाले संवेदनशील 6 नालों में वाईफाई एनेबल्ड आल वेदर हाई रिजुलेशन कैमरे स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। उन्होंने बतया कि एलडीए यानि लेक डेवलपमेंट अथॉरिटी को शुरआती चरण में 4 ड्रोन उपलब्ध कराये जा रहे हैं जिनके माध्यम से शहर में होने वाले अवैध निर्माण, अनियोजित विकास एवं नालों में मलवा डालने वालों पर नज़र रखी जायेगी।
जिलाधिकारी बंसल ने अधिशासी अधिकारी को आवारा कुत्तों के बंध्याकरण हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस त्रैमास से बंध्याकरण हेतु कैम्पों का आयोजन सुनिश्चित किया जाये। जिलाधिकारी ने झील के कैचमेंट एरिया सहित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी ली।
जिलाधिकारी ने झील की प्राकृतिक सुन्दरता बनाए रखने के लिए झील की साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया। उन्होंने राजस्व, सिचांई तथा नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अनुपयोगी निर्माण सामग्री तथा अन्य वस्तुओं को नालों के माध्यम से झील में बहा दिया जाता है, जिसपर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर नालों की सफाई करने, अधिशासी अधिकारी को बरसात के मौसम में झील में आने वाले कूड़े की निरन्तर साफ-सफाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिशासी अभियंता सिंचाई एचएस भारती ने बताया कि पूर्व में जनपद में 62 नाले थे, वर्तमान समय में शहर में 59 नाले है तथा 3 नाले विलुप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 44 नालों का पानी नैनी झील में, 7 नालों का सूखाताल झील में, 6 नालों का शिप्रा नदी में तथा 2 नाले बलिया नाले में मिलते हैं।