काशीपुर (विनोद भगत) एन एच 74 घोटाले में एस आई टी द्वारा कथित आरोपी किसानों को नोटिस जारी करने को लेकर काशीपुर भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा ने सवाल खड़े किए हैं। अपने निवास पर पत्रकार वार्ता में चीमा ने कहा कि एस आई टी किसानों के पीछे पड़ी है जबकि इस घोटाले में शामिल बड़े अधिकारियों को बहाल किया जा रहा है।
विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि एसआईटी एनएच-74 मुआवजा घोटाले में मुख्य भूमिका निभाने वालों की जांच करने से कतरा रही है। एसआईटी ने अधिकारी, कर्मचारी और किसानों तक ही जांच सीमित रखी है। जबकि घोटाले में कई रसूखदार लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बड़ा खेद का विषय है पूरे घोटाले का खाका तैयार कर मुख्य भूमिका निभाने वाले रसूखदारों का बाल भी बांका नहीं हो पाया। विधायक ने कहा कि यह सही है कि अधिकारी और कर्मचारी काश्तकारों के साथ मिलकर घोटाले में शामिल रहे हों, लेकिन करोड़ों के घोटाले के सूत्रधार ये नहीं हो सकते।
विधायक पूरी तरह से किसानों के बचाव में थे लेकिन इस घोटाले में शामिल राजनेताओं के मुद्दे पर विधायक चीमा की चुप्पी रही। विधायक का कहना है कि एन एच 74 घोटाले में एस आई टी इस घोटाले के मगरमच्छों के बजाए किसानों को परेशान कर रही है। किसानों को जिन बिचौलियों ने लालच दिया उन लोगों के विरूद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक चीमा से पत्रकार वार्ता में द्रोणासागर माइनर पर कांग्रेस सरकार के दौरान उनके द्वारा लगाए गए घोटाले के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जबाब नहीं दिया। यहां बता दें कि यह माइनर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनी थी। उस समय विधायक चीमा ने इस माइनर के निर्माण में घोटाला करने का आरोप लगाया था।
आज एक बार फिर विधायक चीमा ने अपनी ही सरकार द्वारा गठित एस आई टी की कार्यशैली पर सवाल उठाकर अपनी ही सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। वैसे एन एच 74 घोटाले पर सरकार का रवैया भी सवालों के घेरे में है। जिन अधिकारियों को इस मामले में सस्पेंड किया गया था वह तो बहाल हो गये। ऐसे में विधायक चीमा के सवाल वाजिब हैं। आखिर बलि का बकरा किसान ही क्यों बनाये जा रहे हैं। इस मामले में सत्तारूढ़ दल का विधायक होने की वजह से विधायक चीमा की कुछ सीमायें हैं तो किसानों के प्रति भी जिम्मेदारियां है। बहरहाल सत्तारूढ़ दल के विधायक का यह सवाल अपने आप में गंभीर है।जो बात विपक्ष कांग्रेस को उठानी चाहिए उसे सत्तारूढ़ दल के विधायक ने उठाकर विपक्ष का काम आसान कर दिया है।