@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (26 अगस्त, 2021)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) नीति को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह देश की संपत्ति बेचने की साजिश है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा की संपत्ति नहीं हैं।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने एनएमपी को ”चौंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण फैसला” करार देते हुए आरोप लगाया कि इन संपत्तियों को बेचने से मिले पैसों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के खिलाफ किया जाएगा।
ममता ने राज्य सचिवालय में कहा, “हम इस चौंकाने वाले और दुर्भाग्यपूर्ण फैसले की निंदा करते हैं। ये संपत्ति देश की हैं। ये न तो मोदी की संपत्ति हैं और न ही भारतीय जनता पार्टी की। वे अपनी मर्जी से देश की संपत्ति को नहीं बेच सकते।” उन्होंने कहा कि पूरा देश इस “जनविरोधी” फैसले का विरोध करेगा और एक साथ खड़ा होगा।
ममता ने कहा, “भाजपा को शर्म आनी चाहिए। किसी ने उन्हें हमारे देश की संपत्ति बेचने का अधिकार नहीं दिया है।” गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन की घोषणा की थी।