@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (23 अगस्त, 2021)
चीन अपनी इंजीनियरिंग के लिए सारी दुनिया में जाना जाता है। एक बार फिर उसने अपनी इसी क्षमता से दुनिया को हैरान कर दिया है। उसने दुनिया का सबसे ऊंचा एक्सप्रेस वे बनाकर अपनी कुशलता का परिचय दिया है। यह एक्सप्रेसवे चीन के दक्षिण-पश्चिम में स्थित तिब्बत स्वायत्तशासी इलाके में बनाया गया है।
दुनिया का सबसे ऊंचा एक्सप्रेसवे चीन के नागक्यू से तिब्बत की राजधानी ल्हासा को जोड़ता है। चीन के यातायात मंत्रालय के अनुसार फिलहाल इसका 227 किलोमीटर लंबा सेक्शन खोला गया है। यह नागक्यू से यांगबाजैन तक है।
नागक्यू से ल्हासा तक की पूरी दूरी 295 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे की औसत ऊंचाई 4500 मीटर है यानी 14,763 फीट। इस एक्सप्रेवे का नाम है जी6 बीजिंग-ल्हासा एक्सप्रेसवे। यह चीन की पहली ऐसी सड़क है जो तिब्बत की राजधानी को सीधे उत्तरी तिब्बत और चीन के अन्य हिस्सों से जोड़ती है।
इस सड़क को बनाने वाले कंपनी के डायरेक्टर वांगजी सेरिंग के अनुसार, “हमने इस सड़क को बनाते समय स्थानीय पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा है। पूरे निर्माण की प्रक्रिया के दौरान कोशिश की गई है कि प्रकृति को नुकसान न पहुंचे। न ही भविष्य में ऐसा कुछ हो।”
वांगजी ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे को बनाते समय इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि मवेशियों और जंगली जानवरों के आने-जाने का रास्ता बाधित न हो। साथ ही वो एक्सप्रेसवे पर न चढ़ें, इसका भी ख्याल रखा गया है। आप इस एक्सप्रेसवे के जरिए ल्हासा से नागक्यू की दूरी सिर्फ तीन घंटे में पूरी कर सकते हैं। जिसमें पहले 6 से 7 घंटे लगते थे।
इस एक्सप्रेसवे के बनने से चीन को सबसे बड़ा फायदा होगा भारत से सटी सीमाओं तक अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाना। इस मार्ग से सैनिक, हथियार और रसद पहुंचा सकता है। इस एक्सप्रेस वे के बनने के साथ ही तिब्बत में अब हाइवे की लंबाई बढ़कर 1105 किलोमीटर हो गई है।