@शब्द दूत ब्यूरो (20 अगस्त, 2021)
उत्तराखंड में साढ़े चार किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड टू लेन मोटर टनल का काम चल रहा है। अनुमान है कि अगस्त 2023 तक ये टनल बनकर तैयार हो जाएगी। ये टनल उत्तराखंड की सबसे बड़ी मोटर टनल होगी।
चीन बॉर्डर से लगे सीमांत उत्तरकाशी में यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर सिलक्यारा और बड़कोट के बीच उत्तराखंड की सबसे लंबी और देश की सबसे बड़ी व्यास यानी डायामीटर वाली डबल लेन मोटर सुरंग का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। 4531 मीटर लंबी इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे यमुनोत्री से गंगोत्री जाने में 45 मिनट की बचत होगी।
ये सुरंग देशभर में अब तक बनाई गई सभी सुरंगों में से सबसे अधिक डायमीटर वाली होगी। इसका डायमीटर 15.095 मीटर है, जबकि इसी तरीके से रोहतांग में बनाई गई अटल सुरंग भी इससे कम डायमीटर 13 मीटर की है। सुरंग में आने-जाने के लिए अलग-अलग लेन होगी, जिनके बीच में 400 एमएम मोटी डिवाडर वाल होगी। इससे दुर्घटना का खतरा नहीं होगा।
चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धरासू, जो गंगोत्री हाईवे पर एक छोटा सा मार्केट है, यहां से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शुरू होता है। धरासू से यमुनोत्री के अंतिम सड़क पड़ाव जानकीचट्टी की दूरी 106 किलोमीटर है। सर्दियों में बर्फबारी के कारण करीब सात हजार फीट की ऊंचाई वाले राड़ी टाप क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण यमुनोत्री राजमार्ग बाधित हो जाता है जिससे यमुना घाटी की एक बड़ी आबादी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है।
इसके अलावा सिंगल लेन सड़क और घुमावदार मोड़ों के कारण यहां यात्रा सीजन में जाम और दुर्घटनाएं आम बात थी। चारधाम रोड परियोजना के तहत इस हिस्से में डबल लेन सुरंग बनाने की योजना बनी। इससे चौड़ीकरण होने पर बड़ी मात्रा में होने वाला पेड़ों का कटान भी बच गया। राड़ी टॉप के इस हिस्से में बुरांस का घना जंगल है। यदि सड़क चौड़ीकरण का काम होता, तो हजारों पेडो की बलि देनी पड़ती। ये पर्यावरण के लिहाज से एक बड़ा नुकसान होता।