@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (20 अगस्त, 2021)
अफगानिस्तान के तालिबान के हाथों में जाने के बाद काबुल हवाईअड्डे पर अफरातफरी और हताशा का माहौल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक- एक दिल दहलाने वाली घटना में हताश अफगान महिलाओं को अपने बच्चों को कंटीली तारों पर फेंकते देखा गया।
एक वरिष्ठ ब्रिटिश अधिकारी ने बताया कि वे चिल्लाने की आवाज, हताशा का शोर सुन सकते हैं, क्योंकि हजारों लोगों के लिए काबुल हवाईअड्डा स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार होगा तो कुछ के लिए तालिबान से बचने के सपने का अंत। अधिकारी ने बताया कि ये भयानक था कि महिलाएं अपने बच्चों को कंटीली तारों पर फेंक रही थीं और ब्रिटिश सैनिकों से उन्हें लेने को कह रही थीं। इस बीच कुछ बच्चे तो कंटीली तारों में फंस भी गए थे।
अधिकारी ने कहा, “मैं अपने लोगों (सैनिकों) के लिए चिंतित हूं, कल रात सभी रोए थे, मैंने कुछ लोगों को समझाया भी था। रिपोर्ट बताती है कि यहां माहौल इतना खराब है कि हवाईअड्डे के फाटकों पर गोलीबारी के बीच दिन और रात परिवार बच्चों के साथ जान जोखिम में डाल रहे हैं, क्योंकि वे तालिबान से बचना चाहते हैं।
बता दें कि एक संकरी रोड के दूसरी ओर काबुल हवाई अड्डे की दीवारों के भीतर थके हुए ब्रिटिश सैनिक भी लेटे हुए हैं, जो इस भीड़ का मुकाबला करने के लिए अपनी बारी के इंतजार में हैं। जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं राहत अभियान और अधिक तेज हो रहा है क्योंकि ब्रिटिश सेना को अफगानिस्तान से कुछ ही दिनों में हजारों लोगों को निकालना है।