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अनोखी खगोलीय घटना :बृहस्पति पृथ्वी के सर्वाधिक निकट, सुना बहुत होगा लेकिन आज देख भी लीजिए चार चांद

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (19 अगस्त, 2021)

किसी खूबसूरत नजारे का वर्णन करने के लिए अक्सर चार चांद लग जाने का उदाहरण दिया जाता है। हालांकि आम लोगों ने कभी चार चांद देखे नहीं होते हैं, लेकिन आज आप चाहे तो आज चार चांद देख सकते हैं। बल्कि रोज नजर आने वाले चांद को मिलाकर कुल पांच चांद देखे जा सकते हैं।

सौर मंडल का सबसे विशाल ग्रह बृहस्पति आज पृथ्वी के सबसे निकट होगा और वर्ष के किसी भी अन्य समय की तुलना में सर्वाधिक चमकीला होगा। यह ग्रह आज पूरी रात दिखाई देगा इसलिए बृहस्पति और उसके चार मुख्य चंद्रमाओं को देखने के साथ ही और उनकी तस्वीरें लेने का यह एक बेहतरीन मौका है। इस अवसर एक साधारण टेलीस्कोप या दूरबीन से बृहस्पति के चार सबसे बड़े चंद्रमा आयो, यूरोपा, गेनीमेड और कैलिस्टो देखे जा सकेंगे जो ग्रह के दोनों ओर चमकीले बिंदुओं के रूप में दिखाई देंगे।

बृहस्पति और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक अंडाकार मार्ग में यात्रा करते हैं, इसलिए बृहस्पति की पृथ्वी से दूरी लगातार बदलती रहती है। जब दोनों ग्रह सूर्य के एक ही ओर अपने निकटतम बिंदु पर होते हैं, तो बृहस्पति की पृथ्वी से दूरी 5.88 करोड़ रह जाती है। इस दौरान बृहस्पति इतना चमकीला होता है कि बाकी समय सर्वाधिक चमकीला नजर आने वाला ग्रह शुक्र भी इसकी तुलना में मंद नजर आता है।

पृथ्वी से सर्वाधिक दूर होने पर बृहस्पति 9.68 करोड़ किमी दूर होता है। यानी गुरुवार (आज) को बृहस्पति पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी के मुकाबले 3.80 करोड़ किमी ज्यादा निकट होगा। आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक शशि भूषण पांडे ने बताया कि बृहस्पति को सूर्य की एक परिक्रमा करने में 11.86 पृथ्वी-वर्ष लगते हैं। सूर्य के चारों ओर घूमते हुए हर 399 दिनों में एक बार बृहस्पति और पृथ्वी सर्वाधिक निकट आते हैं।

वर्ष 1610 में, गैलीलियो गैलिली ने एक स्वनिर्मित टेलीस्कोप का उपयोग कर बृहस्पति के चार बड़े चंद्रमाओं- आयो, युरोपा, गैनिमीड और कैलीस्टो की खोज की थी। यह गैलिलियाई चंद्रमा के नाम से भी जाने जाते हैं। ये चंद्रमा पृथ्वी के अलावा सौर मंडल में देखे गए पहले चंद्रमा थे। बाद में बृहस्पति के कुल 79 चांद खोजे गए।

इसके बाद 62 चंद्रमाओं के साथ शनि दूसरे नंबर पर था। सर्वाधिक चंद्रमाओं के साथ बृहस्पति चंद्रमाओं का राजा कहलाता था। लगभग पौने दो वर्ष पूर्व शनि के 20 नए चंद्रमाओं की खोज को मान्यता मिलने के बाद से शनि 82 चंद्रमाओं के साथ सर्वाधिक चंद्रमा वाला ग्रह बन गया है।

   

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