उत्तराखंड शासन के सचिव के आदेश के बावजूद सुस्ती से कार्रवाई
विनोद भगत
काशीपुर ।सिंचाई विभाग में हुये घोटाले की उत्तराखंड शासन के सचिव के आदेशों के बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होने के पीछे पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं।
बता दें कि जून के प्रथम सप्ताह में सचिव भूपेन्दर कौर अलख ने तमाम वित्तीय अनियमितताओं में तत्कालीन अधिशासी अभियंता रामसकल आर्य के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश विभागीय अधिकारियों को दिये थे। ये वित्तीय अनियमिततायें 2012-13 से लेकर 2017-18 वित्तीय वर्ष की हैं। इस मामले में जानकारी मिली है कि 14 जून को काशीपुर कोतवाली में एफआईआर के लिए विभाग की ओर से कोशिश की गई थी लेकिन स्थानीय पुलिस ने सीधे एसएसपी रुद्रपुर से सम्पर्क करने को कहा।
काशीपुर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरूण नेगी ने शब्द दूत को बताया कि काशीपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार करने पर उन्होंने एसएसपी रुद्रपुर को इस मामले को दिया। हालांकि उसके बाद रिपोर्ट दर्ज हुई या नहीं इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। श्री नेगी ने बताया कि इस बीच वह अवकाश पर थे। इस मामले में अधीक्षण अभियंता से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
उत्तराखंड शासन के सचिव के आदेशों का किस तरह पालन किया जा रहा है। यह मामला उसका एक उदाहरण है। गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का मामला हल्के में लिया जाना भ्रष्टाचार के विरूद्ध सरकार की मुहिम पर निशाना है।यहां याद दिला दें कि इससे पूर्व 1.90 करोड़ रुपये के टीडीएस घोटाले में भी रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।