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तालिबान के सामने कभी घुटने नहीं टेकूंगा: अमरुल्‍ला सालेह

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (17 अगस्त, 2021)

अफगानिस्‍तान के उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने साफ कहा है कि उनकी सरकार के कमज़ोर पड़ने के बाद तालिबान ने भले ही राजधानी काबुल पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन वह समर्पण नहीं करने वाले। ऐसा प्रतीत होता है कि वह देश के अपने अंतिम ठिकाने, काबुल के पूर्वोत्‍तर में स्थित पंजशीर घाटी की ओर कूच कर गए हैं। अंडरग्राउंड होने के पहले सालेह ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा, जिन्‍होंने मुझे चुना। मैं तालिबान के साथ कभी भी नहीं रहूंगा, कभी नहीं।’ 

एक अन्‍य ट्वीट में अफगानिस्‍तान के पूर्व उप राष्‍ट्रपति  सालेह ने कहा, ‘इस बारे में अमेरिका से बात करने का अब कोई मतलब नहीं है। हम अफगानों को साबित करना होगा कि अफगानिस्‍तान, वियतनाम नहीं है। अमेरिका और नाटो से अलग हमने अभी हौसला नहीं खोया है।’

एक दिन बाद सोशल मीडिया पर तस्वीरें सामने आने लगीं जिनमें पूर्व उप राष्‍ट्रपति अपने पूर्व संरक्षक और तालिबान विरोधी फाइटर अहमद शाह मसूद के बेटे के साथ पंजशीर में नजर आ रहे हैं। यह इलाका हिंदुकुश के पहाड़ों के पास स्थित है। सालेह ओर मसूद के बेटे, जो कि मिलिशिया फोर्स की कमान संभालते हैं, पंजशीर में तालिबान के मुकाबले के लिए गुरिल्‍ला मूवमेंट के लिए एकत्र हो रहे हैं।

अपनी नैसर्गिंक सुरक्षा के लिए मशहूर पंचशीर वैली 1990 के सिविल वार में कभी भी तालिबान के हिस्‍से में नहीं आई और न ही इससे एक दशक पहले इसे (तत्‍कालीन) सोवियत संघ जीत पाया था।

   

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