@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (16 अगस्त, 2021)
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि उन्होंने रक्तपात से बचने के लिए देश छोड़ दिया क्योंकि काबुल तालिबान के हाथों में चला गया है। आतंकवादी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में घुस गए हैं। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में अशरफ गनी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अब से तालिबान अफगानिस्तान के लोगों के “सम्मान, धन और संरक्षण” के लिए जिम्मेदार होगा।
अशरफ गनी ने कहा कि उन्हें सशस्त्र तालिबान और प्रिय देश को छोड़कर जाने, जिसकी मैंने पिछले 20 वर्षों तक रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया के बीच कठिन विकल्प का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूह “तलवार और बंदूकों के दम” पर जीत गया, लेकिन वह अफगानिस्तान के लोगों का दिल नहीं जीत सका। उन्होंने कहा कि “अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो अनगिनत देशभक्त शहीद हो जाएंगे और काबुल शहर तबाह हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप छह मिलियन की आबादी वाले शहर में एक बड़ी मानवीय तबाही होगी।”
इससे पहले दिन में अफगानिस्तान सुप्रीम नेशनल सुलह परिषद के अध्यक्ष, अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में गनी को अफगानिस्तान के “पूर्व राष्ट्रपति” के रूप में संबोधित किया। अब्दुल्ला ने अफ़गानों से शांत रहने का भी आह्वान किया और कहा, “आशा है कि यह ‘कठिन दिन और रात’ जल्द ही बीत जाएगा और लोग शांतिपूर्ण दिन देखेंगे।”
सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले अफगान प्रेसिडेंशियल पैलेस एआरजी में तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए अली अहमद जलाली के साथ नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में बातचीत हुई।