@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (16 अगस्त, 2021)
काबुल पर कब्जे के बाद अब पूरा अफगानिस्तान तालिबान के नियंत्रण में आ गया है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़कर पड़ोसी मुल्क में शरण ले चुके हैं। कट्टरपंथी समूह के हथियारबंद सदस्यों के काबुल के राष्ट्रपति कार्यालय पर कब्जा जमा लेने की तस्वीरें सामने आने के बाद सरकार के पतन पर आखिरी मुहर भी लग गई। काबुल पर कब्जे के साथ ही गनी सरकार ने यह मान लिया था कि देश पर शासन के लिए 20 साल तक चली जंग में तालिबान जीत गया है।
सोमवार सुबह भी हजारों की संख्या में लोग काबुल से बाहर भागने में लगे रहे। एक-एक वाहनों पर 20-25 सवार लोग बस किसी तरह सुरक्षित ठिकाने के लिए बदहवास तैयारी करते दिखे। काबुल एयरपोर्ट पर भी भारी भीड़ है और लोग एय़रपोर्ट अधिकारियों से वहां से बाहर निकालने की गुजारिश कर रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, अब भी हजारों की संख्या में लोग कट्टरपंथी इस्लामिक शासन के डर से काबुल से बाहर निकलने की जद्दोजहद में जुटे हैं। तालिबान ने दस दिनों के भीतर ही पूरे देश के बड़े शहरों पर कब्जा जमा लिया है। काबुल के लोगों को अंदाजा नहीं था कि तालिबान इतनी जल्दी उनकी दहलीज तक पहुंच जाएगा। ऐसे में तमाम लोग वहां से चाहकर भी बाहर नहीं निकल पाए।