@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (15 अगस्त, 2021)
सावन के महीने को श्रद्धालु पवित्र और पावन मानते हैं, ऐसे में जब नाग देवता स्वयं दर्शन देने के लिए गौतमबुद्ध नगर के कासना थाने पहुंच गए, तो वहां हड़कंप मच गया। खबर फैली तो कुछ लोग अभिभूत थे, तो कुछ दहशत में। ऐसे में तय हुआ कि नाग देवता को जंगल में छोड़ा जाए। इसके लिए एक सपेरे को बुलाया गया, जिसने पेड़ पर विराजमान नाग देवता को अपने हाथों से उतार कर जंगल की ओर विदा कर दिया। ये पूरा प्रकरण लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
नाग पंचमी का दिन बीता ही था कि कोतवाली कासना में बने कर्मचारियों के बैरक के पास नाग देवता स्वयं दर्शन देने के लिए उपस्थित हो गए। जिनका नाम सुनते ही जिस्म में सिहरन दौड़ जाती ऐसे में अगर वे स्वयं सामने आ जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता लोगो की हालत कैसी होगी। पेड़ पर आसन जमाये बैठे सांप को देख दहशत में पुलिसकर्मी बैरक को छोड़कर बाहर आ गए, बड़े-बडे इनामी बदमाशों को पैर में गोली मारकर दबोचने पुलिस टीम बेबस नजर आई।
लिहाजा सपेरों की बस्ती से सपेरा बुलाया गया, जिसने पेड़ पर चढ़कर धामन सांप जिसे स्थानीय भाषा में घोड़ा पछाड़ भी कहा जाता है, को अपने कब्जे में लिया। इसे खतरनाक और जहरीला सांप माना जाता है। बहरहाल सांप को जंगल में विदा कर दिया गया है और कोतवाली वाले भी राहत की सांस ले रहे हैं।