@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (10 अगस्त 2021)
आज लोकसभा से 127 वां संविधान संशोधन बिल पारित हो गया है। खास बात यह रही कि इस बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े, जबकि विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। यानी कम से कम दो-तिहाई बहुमत से बिल पारित हो गया।
इससे पहले बिल पर हुई चर्चा में केन्द्र सरकार की तरफ से बताया गया कि इस बिल के आने के बाद राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा और मराठा आरक्षण जैसे मसलों पर राज्य सरकारें फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगी।
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने इस बिल के साथ विपक्षी दलों ने आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाने की मांग भी सदन में रखी है। विशेष बात आज यह देखने को मिली कि इस बिल पर बड़ी ही शांतिपूर्ण ढंग से चर्चा हुई आमतौर पर ऐसा कम ही देखने को मिलता है। चर्चा के दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने विपक्षी दलों की इस बात के लिए सराहना की कि जिस तरह सदन ने बिल का समर्थन किया वो स्वागत योग्य है।
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बीजेपी की नीति और नीयत साफ है। कांग्रेस को जवाब देते हुए वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जब 102वां संशोधन लाया गया था, तब भी कांग्रेस ने उसका समर्थन किया था। इसलिए अब कांग्रेस के पास सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने मराठा आरक्षण पर जवाब देते हुए कहा कि ये राज्य का विषय है और अब केंद्र ने उन्हें इस पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र कर दिया है।