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चेतावनी :दस साल पहले ही डेढ़ डिग्री ज्यादा गर्म हो जाएगी धरती, जलवायु परिवर्तन पर नई रिपोर्ट ने बजाई खतरे की घंटी

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (9 अगस्त, 2021)

धरती का तापमान बढ़ने यानी ग्लोबल वार्मिंग का खतरा हमारी आशंकाओं से भी कहीं ज्यादा गहरा है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पैनल की ताजा रिपोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर ग्लोबल वार्मिंग के हॉटस्पॉट बन गए हैं, क्योंकि वहां वातावरण को ठंडा रखने के पानी और वनस्पति के स्रोतों की कमी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर समुद्र का जल स्तर 1901 से 2018 के बीच औसतन 0.20 मीटर बढ़ा है।

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल ने अपनी छठवीं आकलन रिपोर्ट सोमवार को जारी की। भारत भी इस पैनल का हिस्सा है। इस अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में धरती की जलवायु और इकोसिस्टम का आकलन किया। इसमें चौंकाने वाली बात सामने आई कि जलवायु परिवर्तन के जिन खतरों का भविष्य में आने की आशंका थी, वो पहले ही दिखने लगे हैं। जिनकी भरपाई शायद ही संभव हो। जैसे कि समुद्र के बढ़ते जल स्तर को वापस लाने में अब शायद सैकड़ों या हजारों साल लग जाएंगे।

हालांकि कार्बन डाई आक्साइड या धरती का तापमान बढ़ाने वाली अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी जलवायु परिवर्तन के असर को ज्यादा घातक होने से बचाया जा सकता है। लेकिन सभी देशों को इस पर सहमति दिखानी होगी। इस साल ब्रिटेन के ग्लासगो शहर में बड़े कार्बन उत्सर्जक देशों की बैठक होने वाली है, इसमें प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों में भारी कमी लाने का लक्ष्य है।

फिर भी पृथ्वी के वैश्विक औसत तापमान को स्थिर करने में 20 से 30 साल लग जाएंगे। हालांकि हवा की गुणवत्ता में तुरंत सुधार देखने को मिलेगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पैनल की रिपोर्ट को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर अब तक सबसे विस्तृत आकलन करार दिया है।

 

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