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उत्तराखंड: आपस में खिंची तलवारों के बीच हरीश रावत ने कहा-थैंक यू अनिल बलूनी जी!

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (9 अगस्त, 2021)

आज के दौर में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने राज्य के लिए एक दूसरे की सराहना करने के उदाहरण कम ही मिलते है। बता दें कि इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के बीच तलवारें खिंची हुई हैं और आज एक ऐसा मौका आया जब हरीश रावत ने बलूनी की तारीफ अपने फेसबुक पेज पर की।

अल्मोड़ा के चाय बागानों का सवाल अनिल बलूनी ने संसद में उठाया तो हरीश रावत ने जमकर तारीफ की और यहां तक कहा कि सैद्धांतिक मतभेद होने के बावजूद बलूनी ने जो चिंता जाहिर की और सवाल उठाया उसकी तारीफ की जानी चाहिए।

गौरतलब है कि अल्मोड़ा हरीश रावत का क्षेत्र है, जबकि बलूनी गढ़वाल के पौड़ी जिले से ताल्लुक रखते हैं। यही बात हरीश रावत को प्रभावित कर गई। वैसे भी बलूनी ने अभी तक केंद्र से जितने भी काम मंजूर करवाए हैं उनमें कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक सभी क्षेत्रों के हैं। रावत ने थैंक यू बोला तो बलूनी ने भी रावत को भरोसा दिलाया कि राज्य के विकास के मुद्दों पर सजगता से आगे बढ़ेंगे और इनके लिए कोई राजनीति नहीं होगी।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने बलूनी के लिए अपनी फेसबुक वाल पर लिखा-पार्लियामेंट में प्रश्न, विकास का एक कारगर हथियार बनाया जा सकता है। मैंने 80 के दशक में अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के लिये अपने इस अस्त्र के उपयोग से बहुत कुछ हासिल किया। जब हरिद्वार की बारी आई तब तक मैं मंत्री बन गया था, लेकिन मैंने उत्तराखंड के लिये बहुत कुछ हासिल किया जो है संसदीय प्रश्नों आदि के जरिए उत्तराखंड की मौलिक आवश्यकताओं पर सरकार का ध्यान खींचा।

हरीश रावत ने लिखा-एक संसदीय प्रश्न के उत्तर आदि बनाने में बहुत वक्त/मेहनत लगती है और यदि कभी मंत्री फंस गये तो आप उनसे बहुत कुछ हासिल कर लेते हैं। जैसे मैंने, शीतोष्ण मछली अनुसंधान संस्थान हासिल किया। ये संस्थान ओरिजिनली चंपावत के लिए था, लेकिन कालांतर में उसको चंपावत के बजाय भीमताल में सुविधाओं के दृष्टिकोण से स्थानांतरित किया गया। उसी तरीके से मैंने हॉर्टिकल्चर के अंदर टेंपरेट फ्रूट्स का अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड के लिए हासिल किया।

हरीश रावत आगे लिखते हैं-आज मुझे बहुत अच्छा लगा जब मैंने अखबारों में पढ़ा कि चाय के विस्तार के लिए क्या कुछ केंद्र की सरकार करेगी और वो बात श्री अनिल बलूनी जी के प्रश्न से आई। एक नौजवान सांसद, उत्तराखंड के लिये किस तरीके से हम केंद्रीय धनराशि प्राप्त कर सकते हैं, उस दिशा में कार्यरत हैं। सैद्धांतिक गंभीर मतभेदों के बावजूद भी मैं, वो ऐसा करते रहें इसकी कामना करता हूं और यह कामना मैंने उनको टेलीफोन करके भी जाहिर की, उन तक पहुंचाई है।

सांसद अनिल बलूनी ने फेसबुक पर लिखा-हर सकारात्मक राजनीतिक संवाद का स्वागत किया जाना चाहिए जो दलीय सीमाओं के बाहर आमजन की पैरवी करता हो। हमारे देश के खूबसूरत लोकतंत्र में ही ऐसे दुर्लभ दृश्य दिख सकते हैं जब तमाम विरोधाभासों और मतभेदों के बाद भी खुले मंच से साकारात्मक विषय पर एक दूसरे की प्रशंसा, प्रोत्साहन और मनोबलवृद्धि की जाती है, की जानी चाहिये। साधुवाद आदरणीय रावत जी

 

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